नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की अपनी यात्रा के दौरान बेंगलुरु में तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। पीएम मोदी एचएएल की विनिर्माण सुविधा की समीक्षा करने के लिए बेंगलुरु में ही थे। रक्षा क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाना प्रधानमंत्री मोदी की सबसे बड़ी महात्वाकांक्षा है। पीएम मोदी रक्षा उत्पादों के स्वदेशी उत्पादन पर जोर दे रहे हैं और उन्होंने बार-बार ये बात जोर देकर कही है कि उनकी सरकार ने भारत में रक्षा उपकरणों के विनिर्माण और उनके निर्यात को बढ़ावा दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “तेजस पर उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। यह अनुभव अविश्वसनीय रूप से समृद्ध था, जिसने हमारे देश की स्वदेशी क्षमताओं में मेरे विश्वास को काफी बढ़ा दिया, और हमारी राष्ट्रीय क्षमता के बारे में मुझमें नए सिरे से गर्व और आशावाद की भावना पैदा की।” बता दें कि तेजस भारतीय वायुसेना में अब धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना ने 40 तेजस विमानों के आर्डर सबसे पहले दिए थे। इनमें से 31 विमान मिल चुके हैं। निकट भविष्य में 100 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों के लिए अतिरिक्त ऑर्डर देने की योजना है। इसके अलावा 120 तेजस एमके-2 पर भी विचार किया जा रहा है। 2025 तक मिग-21 के स्कवाड्रन को एलसीए मार्क 1ए से बदल दिया जाएगा। आने वाले समय में भारतीय वायुसेना के पास तेजस विमानों की एक बड़ी स्कवाड्रन होगी। अगर सब कुछ योजना अनुसार चला तो अगले 15 वर्षों में भारतीय वायुसेना के पास 40 एलसीए, 180 से ज्यादा एलसीए मार्क-1ए और 120 एलसीए मार्क-2 फाइटर प्लेन होंगे।