देवभूमि की केरला स्टोरी

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अभी बीते दिनों लव जेहाद के थीम पर बनी केरला स्टोरी फिल्म को लेकर पूरे देश में बड़ा बवाल हुआ था। इस लव जेहाद का जो शोर इन दिनों पूरे देश में सुनाई दे रहा है उसके पीछे का सच क्या है? यह एक अलग विषय है लेकिन इस सच को कतई भी नहीं नकारा जा सकता है कि एक समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हिंदुओं के खिलाफ एक सोची—समझी योजना के तहत लव जिहाद के एजेंडे पर काम किया जा रहा है। दिल्ली में अभी हाल ही में हुए साक्षी मर्डर केस में आरोपी साहिल के बारे में जो जानकारियां सामने आई हैं तथा रुद्राक्ष की माला पहने और हाथ में कलावा बांधे उसकी तस्वीरें हाथ लगी है वह इस बात का साक्ष्य है कि मुस्लिम समुदाय के लड़के अपना नाम छुपा कर और पहचान छुपाकर हिंदुओं की कम उम्र की लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसाते हैं और उनका शारीरिक शोषण करते हैं तथा उनकी आपत्तिजनक वीडियो आदि बनाकर उनका जीवन नर्क बना देते हैं या फिर उन्हें साक्षी की तरह मौत की नींद सुला देते हैं। उत्तराखंड के चकराता में बीते 30 जून की रात एक ऐसा ही मामला सामने आया है जब दो मुस्लिम युवक एक 15 साल की नाबालिग लड़की को लेकर पहले एक होटल पहुंचे लेकिन उन पर शक होने के बाद कोटी कनसर में किसी होमस्टे में पहुंचे लेकिन यहां उन्हें दबोच लिया गया और फर्जी हिंदू नामों का सहारा लेकर एक 15 वर्षीय नाबालिक लड़की का जीवन तबाह होने से बच गया। यह दोनों आरोपी मुस्लिम युवक सहारनपुर और ढकरानी के रहने वाले हैं जो पोंटा साहिब में नाई का काम करते थे तथा पीड़ित लड़की हिमाचल की रहने वाली है। इससे पहले अभी पुरोला में दो मुस्लिम युवकों को स्थानीय लोगों द्वारा पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया था जो एक 14—15 साल की स्कूल की छात्रा को बहला—फुसलाकर ले जाने वाले थे इस घटना को लेकर क्षेत्रवासी जब आंदोलन पर उतर आए तो क्षेत्र में कई तरह का कारोबार करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी दुकानों में ताले डाल कर भागने पर मजबूर हो गए। पुरोला का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब चकराता क्षेत्र में एक और केरला स्टोरी सामने आ गई। यह घटनाएं यह बताने के लिए काफी है कि देश में कुछ न कुछ तो है जो गड़बड़ है। भले ही देश के नेताओं के लिए यह वोटों के ध्रुवीकरण का मुद्दा हो या वह इसमें भी हिंदू—मुस्लिम तलाश रहे हो लेकिन इन घटनाओं से जिस तरह के षड्यंत्र की बू आ रही है उसे नकारा नहीं जा सकता। कुछ मुस्लिम लोग और नेता इसे प्रेम—मोहब्बत का नाम देकर इस पर पर्दा डालने का प्रयास करते रहे हैं लेकिन प्रेम—मोहब्बत और लव जेहाद में बड़ा फर्क है। अगर प्रेम की बात है तो उसमें किसी लड़के—लड़की को अपनी जाति और धर्म छुपाने की क्या जरूरत है? हमारा संविधान हर एक बालिग नागरिक को अपनी पसंद को प्यार करने और विवाह करने तथा साथ रहने की इजाजत देता है। देश में हजारों मिसाले हैं कि हिंदू—मुस्लिम—सिख—ईसाई या यूं कहें कि विजातीय धर्म और समुदाय के लोगों ने प्यार किया, विवाह किया और समाज में सम्मान के साथ रह रहे हैं। लेकिन अगर आप कुछ छुपा कर कुछ कर रहे हैं तो वह प्यार नहीं षडयंत्र ही है। चकराता केस में जब आरोपियों को पकड़ा गया तो पता चला कि लड़की जो उनके साथ थी उसे यह पता ही नहीं था कि वह मुसलमान हैं। मौके पर पहुंचे क्षेत्रीय भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान का कहना है कि यह एक अंडरकवर एजेंडा है जो पूरे प्रदेश व देश में चलाया जा रहा है इस एजेंडे को कौन चला रहा है तथा इसके लिए फंड कहां से आ रहा है इसका पता पुलिस—प्रशासन को लगाना चाहिए।

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