नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने शनिवार को हुई अपनी 52वीं बैठक में मोटे अनाज से बने भोजन पर जीएसटी रेट को मौजूदा 18 प्रतिशत जीएसटी से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने पहले मिलेट पाउडर पर टैक्स रेट घटाने की सिफारिश की थी। समिति ने मिलेट यानी मोटे अनाज से तैयार उपज पर कोई राहत देने से इनकार कर दिया था। मोटे अनाज से बने खानों पर जीएसटी रेट 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। मोटा अनाज, जो अपने पोषण मूल्य और स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, ने भारत में हेल्थ के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रियता हासिल की है। मोटे अनाज के आटे से बने खाद्य पदार्थों पर जीएसटी दर कम करने के पीछे सरकार का उद्देश्य इन पौष्टिक खाद्य पदार्थों तक आम लोगों की पहुंच को बढ़ाना है। मोटे अनाज पर टैक्स रेट घटाए जाने की संभावना पहले से ही जताई जा रही थी। 72 देशों द्वारा समर्थित भारत के प्रस्ताव पर रेस्पोंस देते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष ( 2023) घोषित किया। सरकार भी मिलेट को किसानों, पर्यावरण और उपभोक्ताओं के लिए अच्छी फसल बनाने के लिए ‘मिशन मोड’ पर काम कर रही है। जीएसटी काउंसिल हर कुछ महीनों में अपनी बैठक करती है। इस बैठक में जीएसटी रेट, नीति परिवर्तन और प्रशासनिक मुद्दों सहित जीएसटी से संबंधित मामलों पर विचार-विमर्श किया जाता है।