नई दिल्ली। कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब से निर्दलीय के रूप में लोकसभा चुनाव लडेगा। इस बारे में उनकी मां बलविंदर कौर ने शुक्रवार को जानकारी है। अमृतपाल पिछले साल अप्रैल से राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत असम की जेल में बंद हैं। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल को पिछले साल 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था और उनके खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया गया था। वह अपने नौ सहयोगियों के साथ वर्तमान में डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल की मां बलविंदर कौर ने कहा कि उनके बेटे ने सिख समुदाय के सामने आने वाले मुद्दों के लिए लड़ने के लिए चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है। अमृतपाल की मां, अमृतपाल और अन्य नौ एनएसए बंदियों को पंजाब स्थानांतरित करने की मांग को लेकर अमृतसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं। उन्होंने कहा, चुनाव लड़ने का निर्णय संगत और निर्वाचन क्षेत्र की पंचायतों की मांग पर लिया गया है। सरकार ने सिखों के खिलाफ अत्याचार करने से नहीं रोका है और चुनाव लड़ने का उद्देश्य सिखों के मुद्दों को एक बड़े मंच पर ले जाना, बंदी सिंहों (सिख कैदियों) को जेलों से रिहा कराना, उनके अत्याचारों का मुकाबला करना है। सरकार समुदाय के खिलाफ है और धर्म प्रचार (धार्मिक प्रचार) के अभियान को तेज कर रही है।