जंगल की आग बड़ी चुनौती, सेना मदद में जुटी

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  • मुख्यमंत्री हल्द्वानी में करेंगे स्थिति की समीक्षा
  • नैनीताल में 100 हेक्टेयर जंगल जलकर राख
  • वन संपदा व पर्यावरण को भारी नुकसान
  • आबादी क्षेत्र तक पहुंची आग, खतरा बढ़ा

देहरादून। उत्तराखंड में जंगलों की आग एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। आग को रोकने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। शासन—प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है। हमने सेना से भी मदद मांगी है तथा सेना ने आज सुबह से काम शुरू कर दिया है। मैं भी आज हल्द्वानी जा रहा हूं स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं यहां भी अधिकारियों के साथ बैठक की है।
यह बात आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ आज की गई बैठक के बाद कहीं। प्राप्त जानकारी के अनुसार नैनीताल के आसपास बीते तीन—चार दिनों से लगी आग को रोकने के लिए आज सुबह से वायु सेना के हेलीकॉप्टर एम आई—17 से पानी की बौछार लहिया कांडा के जंगलों में की जा रही है। भीमताल झील से यह हेलीकॉप्टर पानी भरकर प्रभावित क्षेत्रों में आग बुझाने में लगे हैं। वहीं मुख्य मार्गाे तक पहुंची आग को बुझाने के लिए अग्निशमन विभाग की मदद भी ली जा रही है।
नैनीताल के आसपास भीमताल ओखल कांडा, रानीखेत सहित कई हिस्सों में भयंकर आग लगी हुई है। इस आग को बुझाने में वन विभाग के 40 कर्मचारी भी जुटे हुए हैं लेकिन आग इतना विकराल रूप ले चुकी है कि वह कई सरकारी कार्यालय और आबादी क्षेत्रों तक पहुंच गई है। जिसके बाद शासन—प्रशासन अब चौकन्ना हुआ है। जंगल में आग लगाने के मामले में पुलिस प्रशासन द्वारा अराजक तत्वों की धर पकड़ भी शुरू कर दी गई है। नैनीताल में दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है तथा तीन लोगों को जेल भेज दिया गया है। पौड़ी और अल्मोड़ा तथा रुद्रप्रयाग के जंगलों में भी व्यापक स्तर पर वनाग्नि की घटनाएं सामने आई है। बीते 24 घंटे में 31 घटनाएं हुई। उधर अल्मोड़ा में वनाग्नि को लेकर अब तक 19 मामले दर्ज किए गए हैं। उधर बागेश्वर में अनेक घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
कुमाऊं और गढ़वाल दोनों ही मंडलों में जंगल की आग की बढ़ती घटनाओं के कारण वन संपदा को तो भारी नुकसान हुआ ही है अकेले नैनीताल में 100 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। वहीं पर्यावरण तथा वन्य जीवन को भी जीवन संकट पैदा हो गया है। अभी जब गर्मी की शुरुआत ही हुई है। मई—जून के महीने में क्या हालात होंगे जब जंगलों की पत्तियां सूख जाएगी इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है। वही मुख्यमंत्री धामी आज हल्द्वानी जा रहे हैं जहां वह वनाग्नि की घटनाएं व पेयजल की समस्या को लेकर अधिकारियों से बैठक करने वाले हैं।

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