- 22 जनवरी के बाद समिति सौंपेगी ड्राफ्ट
- फरवरी में बुलाया जा सकता है विशेष सत्र
देहरादून। भाजपा अपने सभी अहम कामों के लिए सही समय का चुनाव करने के लिए जानी जाती है। 22 जनवरी 2024 की तिथि अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के लिए तय करने से लेकर उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने तक की तारीखों तक सब कुछ पूर्व समय में ही तय किया जा चुका है। आम चुनाव से पूर्व दून से दिल्ली के लिए बनाए जा रहे एलिवेटेड रोड का लोकार्पण भी लोकसभा चुनाव से पूर्व किया जाना तय है।
यूसीसी जिसे गोवा के बाद उत्तराखंड में एक्सपेरिमेंट के रूप में लाये जाने की तैयारी चल रही है उसके लिए भी समय निर्धारित किया जा चुका है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद यूसीसी का ड्राफ्ट कभी भी समिति द्वारा सरकार को सौंपा जा सकता है। इस आशय की जानकारी सीएम धामी द्वारा देते हुए कहा गया है कि जनवरी के अंत तक समिति यूसीसी का ड्राफ्ट सौंप देगी। इसके परीक्षण के बाद इसे आगे की कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया जाएगा।
सवा साल पहले उन्होंने विधानसभा चुनाव के अंतिम समय में राज्य में यूसीसी लागू करने की घोषणा की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई के नेतृत्व में बनाई गई समिति को इसका ड्राफ्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। समिति कई महीने पूर्व ड्राफ्ट बना चुकी है लेकिन संशोधन व प्रशासन के कारण इसे अब तक सरकार को नहीं सौंपा गया है लेकिन अब इसका सही समय आ गया है। 22 जनवरी 2024 के बाद कभी भी इस ड्राफ्ट को सरकार को सौंपा जा सकता है और सरकार फरवरी के पहले सप्ताह में विशेष सत्र बुलाकर इस अहम विधेयक को अमलीजामा पहन सकती है।
जानकारी के अनुसार भाजपा का मानना है कि यूसीसी का उत्तराखंड में लाया जाना लोकसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा साबित होगा, जिसका बड़ा फायदा भाजपा को होगा। यही कारण है कि भाजपा उत्तराखंड में यूसीसी लागू कर कर चुनावों मेंं अन्य सभी राज्यों या यूं कहें कि पूरे देश में इसे लागू करने की घोषणा कर सकती है। यही नहीं यूसीसी जैसे अन्य कुछ एजेंडें भी भाजपा की सूची में है जिन्हें चुनाव पूर्व लाया जा सकता है।