निजी हित छोड़कर एकजुट हो कांग्रेसी नेताः माहरा
उत्तराखंड में भी बेहतर प्रदर्शन करेगी कांग्रेसः आर्य
देहरादून। चुनाव हिमाचल प्रदेश का और चिंतन—मंथन उत्तराखंड में। यह बात भले ही सुनने में थोड़ी अटपटी लग रही हो लेकिन हिमाचल राज्य के विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड के नेता अब चिंतन मंथन में जुटे हुए हैं। कांग्रेसी नेताओं में इस मुद्दे पर चिंतन जारी है कि कांग्रेस उत्तराखंड में वैसा प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकी जैसा उसने हिमाचल में किया है। वहीं भाजपा नेताओं द्वारा इस मुद्दे पर मंथन किया जा रहा है कि वह हिमाचल में वैसा प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकी जैसा उत्तराखंड में किया था।
कांग्रेस नेता अब खुले मन से यह स्वीकार कर रहे हैं कि 2022 के चुनाव में उसे इस तरह की हार का सामना नहीं करना पड़ता अगर उसके नेताओं ने अपनी निजी महत्वाकांक्षाओं को त्याग कर एकजुट होकर चुनाव लड़ा होता। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि बड़े नेताओं की महत्वाकांक्षाओं के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए था, उनका कहना है कि किसी भी नेता का वजूद उनकी पार्टी के वजूद से ही है, पार्टी है तो आप नेता है। अगर पार्टी नहीं होगी तो आपका भी कोई वजूद नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपनी निजी हितों को छोड़कर पार्टी के लिए एकजुट होकर काम करने की जरूरत है। जैसा कि कांग्रेस ने हिमाचल में किया है उधर नेता विपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि कांग्रेस ने जैसा प्रदर्शन हिमाचल में किया है वैसा प्रदर्शन कांग्रेस उत्तराखंड में भी कर सकती है। लेकिन इसके लिए पार्टी के सभी नेताओं को एकजुट होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल में पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली जैसे प्रभावी मुद्दे उठाए जिनका लाभ पार्टी को मिला। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में जो भी चुनाव होने हैं पार्टी के सभी नेताओं को एकजुट होकर काम करने की जरूरत है।
उधर प्रदेश भाजपा के नेताओं में भी इस बात को लेकर मंथन चल रहा है कि वह जब उत्तराखंड में रिवाज तोड़ने में सफल रही थी तो वह हिमाचल में ऐसा क्यों नहीं कर सकी उसके प्रयासों में कहां ऐसी कमी रही जिसे सुधारने की जरूरत है। भाजपा नेताओं का मानना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं के आपसी मतभेदों के कारण ही भाजपा को हिमाचल में हार का सामना करना पड़ा है।