प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें वोट की चिंता किए बगैर सामाजिक कार्यों में जुटने को कहा गया। उनका कहना था कि जो संकल्प लेते हैं वही इतिहास रचते हैं। भाजपा अब सामाजिक और आर्थिक बदलाव का आंदोलन लड़ रही है सत्ता के लिए राजनीति नहीं कर रही है, इसके साथ ही वह यह भी कहते हैं कि लोकसभा चुनाव में जीत के लिए उन्हें प्रयत्नों की प्रकाष्ठा तक काम करना है। इस संबोधन से भाजपा के कार्यकर्ताओं को भ्रमित होने की जरूरत नहीं है और न यह सोचने की कि आखिर प्रधानमंत्री क्या चाहते हैं? बीते कल इसी भाजपा कार्यकारिणी के आयोजन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें बताया था कि इस साल होने वाले सभी 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव उन्हें जीतने हैं अब वही बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने शब्दों में कह रहे हैं कि 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उन्हें काम की प्रकाष्ठा तक काम करना है और चुनाव जीतने के लिए एक एक वोट जरूरी होता है। बिना वोट की चिंता किए राजनीति नहीं की जा सकती है अगर राजनीति करनी है तो यह कहना सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम सत्ता के लिए राजनीति नहीं करते समाज के विकास और सबके आर्थिक कल्याण के लिए काम करते हैं। अगर आप किसी समाज और वर्ग को यह भरोसा नहीं दिला सकते हैं कि आप उनके हितों के लिए ही काम करते हैं या करेंगे तो वह समाज आपको वोट क्यों देगा यही कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी कह रहे हैं कि आपके पास जनता का भरोसा और विश्वास जीतने के लिए 400 दिन का समय है ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब अपने ऊपर अधिक भरोसा नहीं रह गया है यही कारण है कि वह अब पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर यह जिम्मेवारी डाल रहे हैं वरना उनका तो एक ही नारा उन्हें कोई भी चुनाव जिताने के लिए काफी होता है। 9 साल पहले प्रधानमंत्री ने जो काला धन वापस लाने और सभी गरीबों के खातों में 15—15 लाख रूपये डालने की बात कहकर देश की 50 फीसदी गरीब जनता का विश्वास भी जीत लिया था और चुनाव भी जीत लिया था। लेकिन इस देश की दुर्भाग्यशाली बेचारी वह गरीब जनता आज भी अपने दुर्भाग्य पर आंसू बहा रही है। जिसके हिस्से में सिर्फ बदहाली आयी है, देश के 10 फीसदी अमीर देश की 40 फीसदी संपत्ति पर कब्जा जमाए बैठे हैं आबादी के निचले 50 फीसदी के हिस्से में सिर्फ तीन संपत्ति ही है जिसमें उनको न दो जून की रोटी भरपेट मिल पा रही है न बदन पर कपड़े और सर पर छत मिल पा रही है। 1970 के दशक में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी गरीबी मिटाओ कांग्रेस लाओ का नारा देकर चुनाव जीता था अच्छा हो अगर पीएम मोदी भाजपा कार्यकर्ताओं पर जीत के लिए निर्भरता छोड़कर फिर अच्छे दिन लाने जैसा कोई नारा तलाश कर ले। सच में इस देश की जनता बहुत भोली और नासमझ है वह 75 सालों से नेताओं के जुमलों पर ही भरोसा करती आई है वह फिर आप पर भरोसा कर लेगी और फिर आप चुनाव जीतकर 5 साल के लिए पीएम बन जाएंगे और जनता को अगले 5 साल तक मुफ्त राशन भी मिलता रहेगा।