रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की शस्त्र पूजा, सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाया

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नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह मंगलवार को विजयादशमी के मौके पर अरुणाचल प्रदेश के तवांग पहुंचे। जहां उन्होंने शस्त्र पूजा की और सेना के जवानों के साथ दशहरा मनाया। इसके साथ ही रक्षामंत्री ने तवांग के युद्ध स्मारक पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी। यही नहीं उन्होंने बम ला बॉर्डर से सीमा के पास मौजूद चीनी चौकियों का भी विश्लेषण किया। साथ ही सैन्य अधिकारियों से सीमा पर मौजूद हालातों के बारे में भी जानकारी ली। बता दें कि तवांग पहुंचने से पहले रक्षामंत्री ने असम के तेजपुर का दौरा किया। जहां उन्होंने 4 कोर मुख्यालय में बड़ाखाना में सैनिकों के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने इस अवधारणा की सराहना की कि बड़ाखाना में सभी रैंक के सैनिक एक परिवार के सदस्यों के रूप में एक साथ भोजन करते हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि, “भारतीय सेना एकता और भाईचारे का सच्चा उदाहरण है, क्योंकि वे अलग-अलग राज्यों, धर्मों और पृष्ठभूमि से होने के बावजूद एक ही बैरक और इकाइयों में एक साथ काम करते हैं और रहते हैं।” अपनी तवांग यात्रा के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सेना की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि, आज से 4 साल पहले मैं यहां आया था मुझे लगा कि मैं विजयदशमी आपके साथ मनाऊं। जिन कठिन परिस्थितियों में आपलोग देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी निभाते हैं इसके लिए मुझे उनपर नाज है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि, ज्यादातर नौजवानों की इच्छा होती है कि वे एक बार सेना में सेवा दें। राजनीति में नेता भी ये चाहते हैं कि टेरिटोरियल आर्मी के जरिए सेना की वर्दी हमारे बदन पर आ जाए।” उन्होंने कहा कि, “इस वर्दी की क्या अहमियत है ये देश के नागरिकों को पता है। यदि गांव का साधारण सा व्यक्ति जो गलत चीजों को स्वीकार नहीं कर सकता उसे लोग फौजी स्वभाव का कहते हैं। ये इस देश के जवानों के प्रति लोगों का सम्मान है।” रक्षामंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ा है, अगर आपने देश की सीमाओं को सुरक्षित न किया होता तो भारत का कद जो दुनिया में आज है वो न होता। उन्होंने कहा कि भारत पहले कई देशों से हथियार खरीदता था लेकिन आज हम 20 हजार करोड़ से ज्यादा के हथियार निर्यात कर रहे हैं। भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का अरुणाचल दौरा काफी अहम माना जा रहा है। क्योंकि दोनों देशों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है और की बार दोनों देशों के सेनाएं आमने-सामने आ चुकी हैं। चीन अक्सर अरुणाचल को अपना हिस्सा बताता रहा है, खासकर ची तवांत को लेकर ज्यादा जोर देता है। चीनी विदेश मंत्री पिछले साल तवांग पर बातचीत की पेशकश की थी लेकिन भारत ने इसे खारिक कर चीन से दो टूक कहा था कि भारत तवांग पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।

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