विधानसभा में नौकरी लगाने के नाम पर ठगे साढे 26 लाख रूपये

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देहरादून। विधानसभा में नौकरी लगाने के नाम पर साढे 26 लाख रूपये ठगने के मामले में एसएसपी के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुआ वाली गली लच्छमी नगर यमुना पार मथुरा निवासी अमित कुमार ने एसएसपी को प्रार्थना पत्र देते हुए बताया कि ऋषिकेश में योगा सीखने के दौरान उसकी पहचान दीपक रावत पुत्र रतन सिंह रावत, निवासी महानन्दा कालोनी, भटृोंवाला रोड, गुमानीवाला, ऋषिकेश से हुई। उसने उसे कहा कि उसका छोटा भाई बिशाल भारती जो कि ग्रेजुएट है, उसके लिए भी नौकरी तलाश लो तो उस पर दीपक रावत ने कहा कि उसका एक मित्र अंकित नैथानी है, उसने बताया कि वह एक महिला रविकान्ता शर्मा उर्फ रविकान्ता कोठियाल पत्नी नरेन्द्र प्रकाश शर्मा, निवासी अलकनन्दा एनक्लेव, जोगीवाला थाना नेहरू कालोनी, देहरादून के बारे में जानता है। यह महिला राज्य सरकार में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यालय जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, टिहरी गढ़वाल, नरेन्द्र नगर में कार्यरत है, यह महिला अपने आप को काफी प्रभावशाली बताती है और कहती है कि उत्तराखण्ड में बड़े—बड़े सरकारी डिपार्टमेन्ट में उसकी बहुत अच्छी पकड़ एवं पहुंच है तथा उसने कई बेरोजगार लड़के—लड़कियों की नौकरी भी लगायी है। दीपक रावत ने कहा कि रविकान्ता कोठियाल, जो आजकल अपने उपरोक्त जोगीवाला निवास में ही है, क्यों न तुम भी अपने छोटे भाई की नौकरी के सिलसिले में उसके साथ उसके घर जोगीवाला मिलने चलो। 17 जुलाई 2022 के दिन वह एवं दीपक रावत रविकान्ता कोठियाल से उसके जोगीवाला निवास पर गये, जहां पर रविकान्ता शर्मा उर्फ रविकान्ता कोठियाल के पति नरेन्द्र प्रकाश शर्मा भी मौजूद थे, जिन्होंने अपने बारे में बताया कि वह पोस्टल डिपार्टमेन्ट से सेवानिवृत हैं। रविकान्ता शर्मा उर्फ रविकान्ता कोठियाल ने बताया कि वह आयुष मंत्रालय में वरिष्ठ सहायक के पद पर कार्यरत है और कहने लगी कि उसने काफी बेरोजगार लड़के—लड़कियों की नौकरी ओएनजीसी, सचिवालय, स्वास्थय विभाग, विधानसभा आदि—आदि जगहों पर लगायी है। उसका विश्वास जीतने के लिये रविकान्ता शर्मा उर्फ रविकान्ता कोठियाल ने अपने मोबाईल नम्बर से योनो एप खोलकर कई लोगों के ट्रांजेक्शन उसको दिखाये, जिसमें एक लाख, पांच लाख व इससे भी अधिक रकम रविकान्ता कोठियाल के खाते में ट्रांजेक्शन हो रखी थी, जो उसके द्वारा दिखायी गयी।
रविकान्ता शर्मा ने कहा कि देखो अभी इस वक्त नियुक्ति बहुत कम है एवं वर्ष 2019 में विधान सभा की नियुक्तियां निकली थी जिसका नोटिफिकेशन हो रखा है एवं जिसकी भर्ती वर्ष 2022 में होनी है और अगर तुम्हें नौकरी लगानी है तो तुम्हें भी तुरन्त आज ही 27 लाख रूपये उसके खाते में जमा करने होंगे, क्योंकि यहां पर जो पहले आयेगा वह पहले पायेगा का नियम लागू है। रविकान्ता कोठियाल ने उसको गारन्टी दी कि अगर वह अपने भाई की नौकरी लगवाना चाहते हो तो तुरन्त पैसों का इंतजाम करो, फरवरी—मार्च 2023 तक उत्तराखण्ड प्रशासन से उसके भाई की नियुक्ति का प्रार्थना पत्र उत्तराखण्ड सचिवालय से आ जायेगा। रविकान्ता कोठियाल ने उसको पूरा भरोसा दिलवा दिया था कि शत प्रतिशत नौकरी लगवा देगी क्योंकि वह स्वयं एक सरकारी कर्मचारी है तथा रविकान्ता कोठियाल द्वारा दबाव बनाया गया कि तुरन्त पैसे दो कि जिससे वह नौकरी लगवाने की कार्यवाही पूरी हो। उसने उक्त महिला को 26 लाख 50 हजार रूपये दे दिये। 18 जुलाई 2022 को उसने रविकान्ता कोठियाल के कहे अनुसार अपने छोटे भाई के समक्ष श्ौक्षिक प्रमाण पत्र व्हाट्सएप के द्वारा उसको भेजा। रविकान्ता कोठियाल ने दीपक रावत के मोबाईल में अपने मोबाईल से व्हाट्सएव द्वारा 2019 की सचिवालय की नियुक्तियों को नोटिफिकेशन भेजा और दीपक रावत से कहा कि उक्त नोटिफिकेशन उसको भी भेज देना। 12 मार्च 2023 को रविकान्ता कोठियाल द्वारा उसको व्हाट्सएप कॉल कर बोला कि ज्वाईनिंग लैटर तैयार हो रहा है, इसमें तुम्हारे भाई का भी ज्वाईनिंग लैटर है, जिसके बदले में 25 हजार रूपये लिये। 16 मार्च 2023 को उसके व्हाट्सएप पर रविकान्ता कोठियाल द्वारा उसके छोटे भाई का ज्वाईनिंग लैटर भेजा गया और प्रार्थी से 2,00,000 रूपये की तुरन्त ही मांग की गयी। इस बात पर उसका शक यकीन में बदल गया कि रविकान्ता कोठियाल ने षड्यंत्र एवं कूटरचना कर सोची—समझी साजिश के तौर पर उससे नौकरी की एवज में पैसे हड़पने की नीयत से फर्जी नियुक्ति पत्र शासन के लैटर पैड पर एवं राज्य सरकार का प्रतीक चिन्ह लगा लिफाफे का इस्तेमाल कर व नियुक्ति अफसर के फर्जी हस्ताक्षर कर कूटरचना कर तैयार कर उसके भाई का फर्जी नियुक्ति पत्र प्रदान किया तथा उससे 26,55,000 रूपये की ठगी की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी।

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