हरीश भाई से सौ बार माफी मांगने को तैयारः हरक
हरक की वापसी का बढ़ता ही जा रहा है विरोध
नई दिल्ली/देहरादून। भाजपा से निष्कासित किए गए डॉ हरक सिंह की कांग्रेस में वापसी आज नहीं हो सकी है। डॉ. हरक की वापसी को लेकर कांग्रेस में मतभेदों के कारण विलंब हो रहा है। पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि कांग्रेस जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं लेगी उन्होंने आज उनके कांग्रेस में शामिल किए जाने से साफ इंकार किया है।
आज सुबह से ही डॉ हरक सिंह के कांग्रेस में शामिल होने की खबरें आ रही थी। लेकिन हरीश रावत के बयान के बाद इन खबरों पर विराम लग गया है। उधर मीडिया के सामने आए डॉ. हरक सिंह का कहना है कि उनकी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता विपक्ष प्रीतम सिंह और प्रदेश प्रभारी से बातचीत चल रही है तथा वह हाईकमान से बातचीत के बाद बताएंगे कि आगे की रणनीति क्या है। डॉ हरक सिंह से जब कहा गया कि हरीश रावत का कहना है कि जब तक आप अपनी गलती के लिए माफी नहीं मांगेंगे तब तक कांग्रेस में वापसी नहीं होगी। इसके जवाब में हरक सिंह ने कहा कि मुझे हरीश भाई से माफी मांगने में कोई संकोच नहीं है वह मेरे बड़े भाई हैं, मैं उनसे एक बार तो क्या सौ बार भी माफी मांगने को तैयार हूं। उन्होंने कहा कि 2016 में स्थितियां परिस्थितियां ऐसी थी कि मुझसे कुछ गलतियां हो गई साथ ही उन्होंने कहा कि हरीश भाई से भी कुछ गलतियां हुई थी लेकिन मैं अब उन सब पर बात करना नहीं चाहता हूं।
डॉ. हरक की कांग्रेस में वापसी को लेकर उनका भारी विरोध हो रहा है। तथा जैसे—जैसे समय बीतता जा रहा है यह विरोध बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के अकेले हरीश रावत ही ऐसे नेता नहीं है जो विरोध कर रहे हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल से लेकर केदारनाथ विधायक मनोज रावत तक ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा है कि हरक की किसी भी पार्टी या नेता के साथ आस्था नहीं हो सकती है वह भ्रष्टाचार के विकास मॉडल का प्रतीक है। उन्होंने 2016 में जो बगावत की थी वह लोकतंत्र की हत्या करने वाला काम था।
डॉ. हरक सिंह को लेकर दिल्ली के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता विपक्ष प्रीतम सिंह उनकी कांग्रेस में वापसी के लिए सहमत हैं लेकिन इस बाबत उन्होंने हाईकमान से जब बात की तो हाईकमान ने इस पर फैसला हरीश रावत पर ही छोड़ दिया है क्योंकि वही प्रदेश में पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। जब डॉ हरक सिंह की ओर से किसी ने भी अभी तक हरीश रावत से संपर्क नहीं किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब तक डॉ. हरक सिंह हरीश रावत को विश्वास में नहीं लेंगे तब तक उनकी कांग्रेस में वापसी का रास्ता साफ नहीं हो सकता है। क्योंकि अब हरक सिंह भाजपा से निष्कासित किए जा चुके हैं तथा उनके पास अब कांग्रेस के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं है और न अधिक समय उनके पास है। यही कारण है कि डॉ हरक सिंह हर शर्त मानने को तैयार हैं और कांग्रेस में शामिल होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। देखना है कि उनका यह इंतजार कब खत्म होता है।