नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के लिए बुरी खबर सामने आई है। नेशनल सेक्रेटरी अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार (3 मई) सुबह लखनऊ में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जानकारी के मुताबिक, अतुल कुमार करीब एक महीने से लखनऊ के मेयो अस्पताल में भर्ती थे। यहां डॉक्टरों की एक टीम इनका इलाज कर रही थी। अतुल कुमार अंजान ने लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष के रूप में 1977 से अपने राजनीति की शुरुआत की थी। अतुल कुमार अंजान की गिनती सीपीआई के बड़े नेताओं में होती थी। वह टीवी डिबेट में और कई दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे। अपनी राजनीति का लोहा इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मनवा लिया था। छात्र राजनीति में इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे। अतुल कुमार लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए। यूनिवर्सिटी के समय से ही वह लेफ्ट की विचारधारा पर चलते थे। राष्ट्रीय राजनीति में बेशक पूरा देश उन्हें न जानता हो, लेकिन वामपंथी राजनीति की समझ रखने वाले अतुल कुमार का कद अच्छे से जानते हैं। अतुल कुमार ने अपने शुरुआती दिनों में हमेशा युवाओं और आम लोगों की आवाज उठाई। वह उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध पुलिस-पीएसी विद्रोह के प्रमुख नेताओं में से एक थे। इस आंदोलन की वजह से वह चार साल नौ महीने जेल में भी रहे। अतुल कुमार अंजान के पिता डॉ। ए।पी। सिंह ने देश की आजादी में अपना योगदान दिया था। वह एक स्वतंत्रता सेनानी थे। जानकारी के मुताबिक, इनके पिता हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन से जुड़े रहे थे। उन्होंने इसकी कई गतिविधियों में अपना योगदान दिया था।