बच्चों के साथ की मौज मस्ती गांव के लोगों से भी मिले
देहरादून। उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य के राजकाज की पूरी जिम्मेदारी संभालने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लंबे समय के अंतराल के बाद बीते कल अपने पैतृक गांव पंचूर पहुंचे और अपने परिजनों के साथ एक दिन बिताया। योगी आदित्यनाथ जीवन की कई धाराओं के जीवन जीने की कला के कारण ही चर्चाओं में रहते हैं।
योगी आदित्यनाथ कर्म और धर्म से योगी हैं लेकिन वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं और राज्य के राजकाज का संचालन भी वही करते हैं इसके साथ ही वह घर परिवार और पहाड़ से भी उनकी जड़ें जुड़ी हुई है। जो लोग उन्हें गोरखपीठ में पूजा अर्चना करते देखते हैं और यूपी के आला अधिकारियों को दिशा निर्देश देते देखते हैं वह आज उन्हें अपनी मां से आशीर्वाद लेते और परिवार के बच्चों के साथ खेलते और घूमते देखकर असमंजस में है और यह सोचने पर विवश है कि योगी एक साथ कितनी जीवन धाराओं के साथ जीने की कला में निपुण है।
अभी दो वर्ष पूर्व जब उनके पिता का स्वर्गवास हुआ था तो वह उनके अंतिम दर्शन व संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके थे। मुख्यमंत्री बनने के पांच साल बाद तक वह एक बार भी अपने घर नहीं जा सके। वैसे भी उन्होंने 22 साल की उम्र में ही घर छोड़कर सन्यास ले लिया था। भगवाधारी योगी का राजनीतिक सफर भी कम चमत्कारिक नहीं है। सांसद से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक उनके काम और नाम की लोग अब मिसाल देते हैं।
अपनी मां सावित्री देवी से मिलकर योगी ने जिस आनंद की अनुभूति की और घर के बच्चों के साथ आज मॉर्निंग वॉक, घर के बगीचे में चहल कदमी और बच्चों के साथ खेलना तथा गांव व परिवार के लोगों के साथ मिलना जुलना तथा बचपन की स्मृतियों का याद करना यह सब अद्भुत से भी अद्भुत है। सीएम संभवत का आज रात भी अपने घर ही रात्रि विश्राम करेंगे कल उनके कई कार्यक्रम हैं।