एक बार फिर देवभूमि उत्तराखण्ड केे लोगों को एक दारोगा की बेटी की हत्या के सनसनी खेज मामले ने दहला दिया है। महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा को लेकर भले ही शासन—प्रशासन के स्तर पर कुछ भी दावे किये जाये लेकिन इस तरह के जघन्य अपराधों का सिलसिला लगातार जारी रहने से एक बात तो साफ हो गयी है कि इस तरह के अपराधों को अंजाम देने वाले लोगों में पुलिस और कानून का कोई डर नहीं रह गया है। कल पुलिस को हरिद्वार दून हाईवे पर जिस आरती डबराल नाम की युवती का शव पुलिस को मिला है उसके पिता शिव प्रसाद डबराल दून कोतवाली में दारोगा के पद पर तैनात है। आरोपी युवक श्ौलेन्द्र भट्ट जिसकी सालों से इस युवती के साथ दोस्ती थी वह अच्छी तरह से यह जानता था कि आरती के पिता एक पुलिसकर्मी है। इसके बावजूद उसके द्वारा अपनी इस दोस्त को मौत के घाट उतारने का एक सुनियोजित षडयंत्र न सिर्फ रचा गया अपितु उसे अंजाम देने में कोई भी हिचक नहीं दिखायी गयी। जो आरोपी की आपराधिक मानसिकता का प्रतीक है। पुलिस अभी यह सुनिश्चित नहीं कर पायी है कि आरोपी जिसके बारे में यह पता चला है कि घटना को अंजाम देने के बाद उसने चीला नहर में छलांग लगा दी थी, मर चुका है या फिर चीला नहर में कूद कर आत्महत्या करना भी उसके इस हत्याकांड के षडयंत्र का ही एक हिस्सा था। क्यों पुलिस को उसके बारे मेंं जो तैराक होने की जानकारी मिली है वह सच है तो फिर उसके मरने की संभावना बहुत कम है। इसलिए इस मामले की सभी कड़ियों का खुलासा अभी बाकी है। लेकिन यह सच है कि एक और परिवार की बेटी एक दंरिदे की हैवानियत का शिकार हो चुकी है। यह संयोग ही है कि ऋषिकेश क्षेत्र और यह चीला शक्ति नहर जो इस मामले से जुड़े घटनास्थल के रूप में सामने आये है यहीं अंकिता भण्डारी हत्याकांड से भी जुड़े रहे है। ऋषिकेश के जिस वनांतरा रिजार्ट की कर्मचारी अंकिता भण्डारी की हत्या के खुलासे से पूरा प्रदेश सन्न रह गया था और अभी तक इस मामले की गूंज विधानसभा सदन से राजनीतिक गलियारों में सुनाई देती रहती है। वर्तमान में प्रकाश में आया आरती हत्याकांड का मामला कम चौकाने वाला नही है। भले ही अंकिता भण्डारी जिसकी हत्या शक्ति नहर में फेंककर किये जाने की बात सामने आयी हो और हत्यारोपी रसूखदार रहे हो लेकिन आरती के पिता का पुलिसकर्मी होने के बाद भी बेटी की हत्या का यह मामला कम दुस्साहसिक नहीं है। अभी बीते दिनो उत्तरकाशी के होम स्टे में भी एक युवती के फांसी लगाये जाने का मामला सामने आया था, जो उसी होम स्टे में काम करती थी। इस तरह महिला अपराधों के मामलों का लगातार जारी रहना निश्चित रूप से एक चिंतनीय सवाल है। बीते कल ही राजधानी दून में एक महिला द्वारा अपने यौन उत्पीड़न का मामला राजपुर थाने मं दर्ज कराया गया है। जिसमें दोस्ती और अवैध सम्बन्ध बनाने का वीडियों बनाकर उसका उत्पीड़न किया जा रहा था। दरअसल इस तरह के अपराधों में सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती भी एक अहम कारण के रूप में सामने आ रही है। लड़कियों और महिलाओं इस तरह के सम्बन्धों से सर्तक रहने की जरूरत है।