तीन सदस्य एक्सपर्ट कमेटी गठित
एक माह में सौंपेगी अपनी रिपोर्ट
देहरादून। विधानसभा में हुई बैक डोर भर्तियों की जांच अब एक्सपर्ट कमेटी करेगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
विदेश दौरे से लौटी विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने आज देहरादून पहुंचते ही पत्रकार वार्ता में कहा कि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है और अध्यक्ष होने के नाते यह उनका संवैधानिक दायित्व और कर्तव्य है कि उनकी गरिमा को हर स्तर पर बनाए रखा जाए। उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों से मीडिया में जो खबरें आ रही है उनसे विधानसभा की गरिमा को चोट पहुंची है और अपने अध्यक्ष रहते हुए वह ऐसा किसी भी सूरत में नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि वह प्रदेश वासियों को और खासकर युवाओं को यह भरोसा दिलाती है कि उनके साथ इंसाफ होगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है और उसकी हिफाजत के लिए उन्हें कड़े से कड़े फैसले भी लेने पड़ेंगे तो वह पीछे नहीं हटेंगी।
उन्होंने कहा कि मैंने इस मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी के गठन करने का फैसला लिया है जिसके अध्यक्ष वरिष्ठ पूर्व कार्मिक दिलीप कुमार कोटिया होंगे जो वर्तमान में भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का कार्यभार देख रहे हैं। कमेटी एक माह में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा क्योंकि इस प्रकरण में वर्तमान विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल की भूमिका भी संदेह के दायरे में है इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से लंबी छुटृी पर भेजा जा रहा है। अगर एक्सपर्ट कमेटी को उनसे जांच में सहयोग की जरूरत होगी तो वह उसके लिए उपलब्ध रहेंगे। उनसे जब पूछा गया कि यह छुटृी कितनी लंबी होगी तो उन्होंने कहा कि अगले आदेश तक या फिर जांच पूरी होने तक। क्या जांच अवधि होगी और उसका दायरा क्या होगा इस पर उन्होंने कहा कि एक माह का समय जांच के लिए निर्धारित किया गया है।
उन्होंने कहा कि जांच दो अलग—अलग फेस में होगी। एक राज्य गठन से 2011 तक हुई भर्तियों की तथा दूसरी 2011 से 2022 तक हुई भर्तियों की। यहंा यह उल्लेखनीय है कि पूर्व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा सचिव मुकेश सिंघल को आउट ऑफ वे जाकर सेवा में रखा गया था तथा 2011 से पूर्व नियुक्तियों के बारे में कोई नियमावली नहीं थी। लेकिन 2011 में नियमावली लागू की गई थी जिसके बाद यह बैक डोर भर्तियां हुई है।