नई दिल्ली। दुबई में शराब की बिक्री अब खुलेआम की जा सकेगी। शराब बेचने पर लगने वाले 30 फीसदी टैक्स को खत्म कर दिया गया है। इसके साथ ही पर्सनल शराब लाइसेंस को लेकर भी यू-टर्न लिया है। शराब लाइसेंस के लिए दी जाने वाली फीस को भी समाप्त करने का फैसला किया गया है। दुबई की दो सरकारी शराब बेचने वाली कंपनियों ने नए साल के मौके पर इसकी घोषणा की है। शराब की बिक्री पर से 30 फीसदी टैक्स और लाइसेंस फी खत्म करने का ये फैसला सत्ता पर काबिज अल मख्तूम परिवार के निर्देश पर लिया गया है। दुबई में शराब की बिक्री पर 30 फीसदी टैक्स और लाइसेंस को मुफ्त में देने का फैसला पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से किया गया है। टैक्स खत्म करने वाली दोनों कंपनियां एमिरात ग्रुप का हिस्सा हैं। टैक्स में कमी को लेकर फैसला सत्तारूढ़ अल मख्तूम परिवार की ओर से सरकारी फरमान के बाद लिया गया है।
दुबई में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से हाल में कई फैसले लिए गए हैं। हाल ही में वहां रमजान के दौरान भी शराब बेचने की इजाजत दी गई थी। कोविड लॉकडाउन के दौरान शराब की होम डिलिवरी की शुरूआत की गई थी। शराब की बिक्री से सरकार को भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता था लेकिन नए फैसले के बाद सरकार को राजस्व के मामले में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। दुबई में शराब पीने के लिए प्लास्टिक कार्ड के इस्तेमाल का प्रचलन है। दुबई पुलिस की ओर से शराब पीने वालों को ये कार्ड जारी किया जाता है। शराब पीने वालों को इस कार्ड को संभाल कर रखना होता है। ये कार्ड शराब की खरीद, परिवहन और उपभोग करने की इजाजत देते हैं। अगर बिना कार्ड के किसी के पास से शराब बरामद की जाती है उसे भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। इसके साथ ही बिना कार्ड के उसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है। दुबई के बार में एक पिंट बीयर की कीमत करीब 10 डॉलर (827 रुपये) से अधिक है। कानून के हिसाब से दुबई में शराब पीने के लिए गैर मुस्लिम लोगों की उम्र 21 या फिर उससे अधिक तय की गई है।