100 साल में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की पहली महिला वाइस चांसलर बनीं नईमा खातून

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नई दिल्ली। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर के तौर पर नईमा खातून को नियुक्त किया गया है। यूपी के अलीगढ़ में स्थित इस यूनिवर्सिटी के 100 साल के इतिहास में नईमा इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को नईमा खातून को एएमयू का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया है। प्रेसिडेंट मुर्मू अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की विजिटर भी हैं। वहीं, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस समय देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू है। इस वजह से इलेक्शन कमीशन से भी नियुक्ति को लेकर मंजूरी मांगी गई थी। चुनाव आयोग ने कहा कि उसको नियुक्ति में कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि इससे कोई राजनीतिक लाभ ना लिया जाए। बता दें कि नईमा खातून पांच सालों तक यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर पद पर बनी रहेंगी। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमन्स कॉलेज में नईमा खातून प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं। वीसी बनने से पहले वो प्रिंसिपल के पद पर थीं। बता दें कि उन्होंने एएमयू से ही पढ़ाई की है। नईमा ने एएमयू से मनोविज्ञान में पीएचडी की तथा फिर 1988 में उनको यूनिवर्सिटी के इसी डिपार्टमेंट में लेक्चरर बना दिया गया। 2006 में वो मनोविज्ञान की प्रोफेसर बनीं और इसके बाद 2014 में उनको वीमन्स कॉलेज का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया। बता दें कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान ने की थी। उस समय इसको मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज के नाम से जाना जाता था। 1920 में मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज का नाम अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हो गया।

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