हल्द्वानी छावनी में तब्दील

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सुप्रीम कोर्ट के कल आने वाले फैसले पर सबकी नजर

महिला प्रदर्शनकारियों ने संभाला मोर्चा
सपा का डेलिगेशन पीड़ितों से मिला
ध्वस्तीकरण 10 से, प्रशासन तैयारी में जुटा

हल्द्वानी। रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने को लेकर 20 दिसंबर को आए नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के बाद जहां 78 एकड़ जमीन पर बने साढे़ चार हजार भवनों और 50 हजार की आबादी पर छत छिनने का संकट मंडरा रहा है और लोग सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं वही इसे लेकर रेलवे और स्थानीय प्रशासन ध्वस्तीकरण की तैयारियों में जुटा हुआ है। सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मद्देनजर हल्द्वानी में बड़ी संख्या में पुलिस वालों की तैनाती की गई है तथा केंद्र सरकार से पुलिस बल की मांग की गई है। अब सबकी निगाहें कल 5 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर लगी हुई है। कल सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही यह पता चल सकेगा कि प्रभावितों को कुछ राहत मिल पाती है या फिर उनके सर से छत जाने वाली है।
रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्रशासन द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण की जद में आने वाले सभी 4365 लोगों को 1 सप्ताह का नोटिस दिया जा चुका है। एसएसपी नैनीताल द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार फिलहाल पांच कंपनी सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं वहीं पांच कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स और 14 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स की मांग की गई जो एक—दो दिन में उपलब्ध करा दिया जाएगा। इस बीच आज गढ़वाल मंडल के बड़े पुलिस अधिकारी भी यहां मौजूद रहेंगे।
आज इंदिरानगर कॉलोनी में बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों ने प्रदर्शन किया इस दौरान भारी संख्या में पुलिस भी तैनात रही। क्षेत्रवासियों में इस समय डर का माहौल है, लोगों को डर है कि अगर कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाईकोर्ट के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो क्या होगा। उधर आज एक और याचिका प्रभावित पक्ष द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है जिसे स्वीकार कर लिया गया है। उधर आज सपा के पूर्व मंत्री और विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल हल्द्वानी पहुंचा जिसने प्रभावितों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री एसटी हसन, विधायक अताउल्लाह हसन, अब्दुल मतीन सिद्दीकी सहित अनेक लोग मौजूद थे।


कोर्ट के फैसले का सभी सम्मान करेंः धामी

देहरादून। हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने और लोगों के बेघर होने के मुद्दे पर जब सवाल किया गया कि उनकी सरकार क्या कुछ कर रही है तो उन्होंने कहा कि हम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करने वाले लोग हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट में है जो भी फैसला आएगा उसके अनुसार ही काम होगा उन्होंने कहा कि हम सभी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिए।


प्रार्थना करूंगा कि गरीबों के घर बस जाएः हरीश

देहरादून। कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हुए कहा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को बेघर किया जाना अमानवीय है। वह एक घंटे का मौन व्रत रखकर ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि उनके घर बच जाए। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से प्रार्थना करूंगा कि वह इस मुद्दे पर कुछ करें।

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