शैलजा का संदेश

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उत्तराखंड की नवनियुक्त कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा अपने दौरे पर दून आयी। कांग्रेस के सभी छोटे—बड़े नेताओं से उन्होंने सार्वजनिक और निजी तौर पर मेल मुलाकात और बात की। इस पूरी बातचीत में उन्होंने कुछ खास बिंदुओं की ओर कांग्रेस नेताओं का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जब आप सभी एकजुट नहीं होंगे आप बड़ी जीत दर्ज नहीं कर सकते हैं। उनकी यह बात यह समझने के लिए काफी है कि वह कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी खींचतान से ही नहीं बल्कि इसके कारण पार्टी को हो रहे नुकसान से भी भली प्रकार से वाकिफ है, और इस सत्य को प्रदेश कांग्रेस के सभी नेता भी जानते समझते हैं। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं को सुझाव या फिर कहे कि यह हिदायत भी दी है कि वह अपनी बात को पार्टी फोरम में ही रखें निजी तौर पर एक दूसरे के खिलाफ मीडिया या सोशल मीडिया पर बयान बाजी से बचे। इस तरह की बातों से विवाद बढ़ते हैं संवाद से ही समाधान निकलता है। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान दिए जाने की बात भी कही है। श्ौलजा के इस संवाद से एक बात तो साफ है कि वह भले ही इन सूबे के कांग्रेसी नेताओं के बीच पहली बार आई हों लेकिन वह कांग्रेसियों की नब्ज की अच्छी जानकार है। यह भले ही आने वाला समय ही बताया कि कांग्रेस नेता उनकी बात को कितना तवज्जो देते हैं लेकिन एक बात जरूर सच है कि अगर यह नेता अभी भी नहीं जागे तो वह कांग्रेस को तो बड़ा नुकसान पहुंचाएंगे ही साथ—साथ वह अपना भी बहुत बड़ा नुकसान करेंगे। क्योंकि पिछले दो विधानसभा चुनाव और दो लोकसभा चुनाव में हुई पार्टी और अपनी दुर्दशा से वह भली प्रकार से वाकिफ है और उनके पास अपनी पुरानी सभी भूलों को सुधारने का यह अंतिम मौका है अगर इस बार भी नहीं तो फिर कभी नहीं वाली स्थिति के लिए सूबे के इन कांग्रेसी नेताओं को तैयार रहना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और डा. हरक सिंह तथा प्रीतम सिंह जैसे सभी वरिष्ठ नेताओं को अपनी महत्वाकांक्षाओं का परित्याग कर पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने की जरूरत है। श्ौलजा ने साफ तौर पर एक बात कांग्रेस नेताओं को समझाई है कि भले ही देश की पूरी राजनीति में भाजपा का शोर सुनाई दे रहा हो लेकिन केंद्र सरकार के 10 साल के कामकाज को लेकर आम आदमी के अंदर भारी आक्रोश और गुस्सा है जो साइलेंट है। उनका मानना है कि हर चुनाव में एक नया शगुफा लेकर आने वाली भाजपा का सच बीते 10 सालों में देश के लोग जान चुके हैं और वह सत्ता परिवर्तन चाहते हैं। इस अवसर को कैसे जीत में बदलना है बस यही जिम्मेदारी कांग्रेस को उठानी है। उन्होंने राहुल गांधी की सामाजिक न्याय यात्रा का जिक्र करते हुए इन कांग्रेसी नेताओं के सामने पार्टी के विजन को साफ कर दिया गया है। कांग्रेस नेता तमाम सामाजिक विसंगतियों के लिए भाजपा सरकार के 10 साल के शासन को जिम्मेदार बताते हुए इस आत्मविश्वास के साथ सामाजिक न्याय की इस लड़ाई को लड़ने निकले हैं क्योंकि उन्हें महात्मा गांधी के सत्यमेव जयते के सिद्धांत पर भरोसा है राहुल गांधी का कांग्रेस के उन नेताओं को संदेश है जो कांग्रेस में अवसर की तलाश में है कि ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं की उन्हें कोई जरूरत नहीं है जो अन्याय के खिलाफ लड़ नहीं सकते। ऐसे लोगों का कांग्रेस छोड़कर जाने में ही कांग्रेस की भलाई है। श्ौलजा ने अपने चंद शब्दों में ही सूबे के कांग्रेसी नेताओं से वह सब कुछ कह दिया है जो कहा जाना जरूरी था। इसमें कोई संदेह नहीं है कि शैलजा की हर बात काबिले गौर है देखना यह होगा कि कांग्रेसी इसे कितना अमल में ला पाते हैं। कांग्रेस जिसके बारे में यह कहा जाता था कि सिर्फ कांग्रेस ही कांग्रेस को हरा सकती है दूसरी कोई नहीं हरा सकता। यह पहले भी सत्य था और आज भी सत्य है। अगर कांग्रेस 2024 के आम चुनाव में एकजुट होकर चुनाव लड़ पाई तो भले ही वह राज्य की सभी पांचो सीटों पर चुनाव न जीत सके लेकिन कम से कम दो या तीन सीटों पर चुनाव जरूर जीत सकती है और पटरी से उतर चुकी अपनी रेलगाड़ी को फिर से फर्राटा भरने के सपने को साकार कर सकती है। जो थोड़ा मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन कतई भी नहीं।

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