गुलदार पकड़ने के लिए पिजंरे लगाने के साथ रात्रि गश्त भी करे वन विभागः सीएम

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देहरादून। राजधानी दून के विभिन्न क्षेत्रों में गुलदार द्वारा बच्चों पर आक्रमण करने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रमुख सचिव वन श्री आर. के सुधांशु को निर्देश दिये कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना पर कार्य करें।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में बैठक लेते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी की जाए। गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाये जाएं और रात्रि गश्त की जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन क्षेत्रों में मानव—वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हो रही है, उन क्षेत्रों में वन विभाग को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर मृतक के परिवारजनों को आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि को 4 लाख रूपये से बढ़ाकर 6 लाख रूपये करने का प्रस्ताव जल्द लाया जाए। उन्होंने कहा कि नये वाइल्ड लाईफ रेस्क्यू सेंटर भी बनाये जाएं। वाइल्ड लाइफ में धारण क्षमता से अधिक जानवर होने की स्थिति में यदि अन्य राज्यों से जानवरों की डिमांड आ रही है, तो इसकी भी डिटेल रिपोर्ट बनाई जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख वन संरक्षक, वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा उपस्थित थे।
बता दें कि अभी 20 दिन पूर्व राजधानी देहरादून के सिंघली गांंव में गुलदार द्वारा एक चार वर्षीय बच्चे को अपना शिकार बना लिया गया था। जिसके बाद वन विभाग द्वारा क्षेत्र में पिजंरे भी लगाये गये थे लेकिन लम्बा समय बीत जाने के बावजूद गुलदार वन विभाग की पकड़ से दूर है। इसके बाद बीती शाम राजपुर क्षेत्रांर्तगत कैनाल रोड स्थित संुधोवाला गांव में गुलदार द्वारा एक और बच्चे पर हमला कर उसे गम्भीर रूप से घायल कर दिया गया है।

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