बुजुर्ग व बीमार लोगों को यात्रा पर न आने की सलाह
धामों की क्षमता से अधिक भीड़ आने से बढ़ी समस्या
देहरादून। चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर बड़े—बड़े दावे करने वाले सूबे के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज अब यात्रा को धीमा करने में अव्यवस्थाओं का समाधान खोज रहे हैं। उनका कहना है कि चार धाम यात्रा के लिए उमड़ने वाली भीड़ के कारण ही तमाम समस्याएं पैदा हो रही हैं। उनका कहना है कि यात्रा को धीमा करके ही भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है।
भले ही यह हास्यापद बात सही कि सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत जिन्हे मुख्यमंत्री धामी ने केदारनाथ धाम की व्यवस्थाओं को देखने के लिए जिम्मेवारी सौंपी गई है, वह यह कह रहे हो कि यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। भीड़ चाहे कितनी भी बढ़ जाए यात्रा ठीक—ठाक चलती रहेगी सरकार ने सभी व्यवस्थाएं कर रखी हैं लेकिन इसके विपरीत पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि यात्रा के सुचारू संचालन के लिए यात्रा की रफ्तार को धीमा करना पड़ेगा। उनका कहना है कि कोरोना से पीड़ित रहे लोगों के लंग्स कमजोर हो गए हैं जिसके कारण उन्हें पहाड़ की यात्रा में मुश्किलें हो रही है उनका सुझाव है कि ऐसे यात्रियों को विश्राम की ज्यादा जरूरत है। साथ ही उन्होंने वृद्ध और कमजोर लोगों को यात्रा पर न आने की सलाह दी है।
भले ही पर्यटन मंत्री ने यह नहीं बताया है कि यात्रा को धीमा करने के लिए क्या फिर से धाम पहुंचने वाले लोगों की संख्या में कमी करने पर विचार हो रहा है लेकिन अगर ऐसा हुआ तो उसका स्थानीय व्यापारियों व तीर्थ पुरोहितों द्वारा विरोध किया जाना तय है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पर्यटन मंत्री के दुबई जाने और वहीं से यात्रा संचालन के दिशा निर्देश देने से लोग उनसे पहले ही नाराज हैं। अब उनके द्वारा यात्रा को धीमा करने के सुझाव से लोगों की नाराजगी स्वाभाविक है। पर्यटन मंत्री के इस बयान से एक बार जरूर साफ हो गई है कि सरकार यात्रा की तैयारियां वैसी नहीं कर सकी है जैसी जरूरत थी। यही कारण है कि सरकार को बार—बार यात्रा नियमों में बदलाव करना पड़ रहा है तथा बिना रजिस्ट्रेशन आने वाले दो हजार यात्री अब तक वापस लौटाए जा चुके हैं जो सरकार की विफलता है।