देहरादून। रूपये के बदले डॉलर उपलब्ध कराने का झांसा देकर ठगी करने वाले दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसको न्यायालय में पेश किया जहां से उसको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इंस्पेक्टर एसटीएफ एनके भटट ने क्लेमनटाउन थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि भारत सरकार द्वारा संचालित साईबर काईम से सम्बन्धित आई 4 सी के विभिन्न पोर्टलो के माध्यम से ज्ञात हुआ कि देहरादून क्षेत्रार्न्न्तगत् सव्रिQय गिरोह द्वारा विदशो में रह रहे भारतीय मूल के छात्रों/ व्यक्तियो से उनको रूपये के बदले डॉलर उपलब्ध कराने का झांसा देकर बडी मात्रा में धनराशि प्राप्त कर धोखाधड़ी की जा रही है। इस सम्बन्ध में आई 4 सी के विभिन्न पोर्टलो के अवलोकन से ज्ञात हुआ कि डालर मे चेन्ज करने के सम्बन्ध में शिकायत दर्ज कराई गई है। जिसकी विस्तृत जाँच करने पर ज्ञात हुआ कि मोबाईल नम्बर बैंक आफ महाराष्ट्र के एकाउन्ट में नवीन कुमार के स्टेट बैंक आफ इण्डिया के एकाउन्ट नम्बर से 70 हजार रूपये स्थानान्तरित किये गये है। संदिग्ध मोबाईल एवं बैंक आफ महाराष्ट्र के एकाउन्ट का तकनीकी एवं भौतिक रूप से विश्लेषण किया गया इन बैंक एकाउन्ट में एक महिने में करोडो रूपये का संदिग्ध लेन—देन प्रकाश मे आया तथा इस गिरोह के सम्बन्ध में ज्ञात हुआ कि उक्त प्रकार का गिरोह क्लेमनटाउन क्षेत्र में सक्रिय है जिनके द्वारा अलग—अलग व्यक्तियों के बैंक एकाउन्ट खोले जा रहे है। इस पर आदेश उच्चाधिकारियो के उसके द्वारा उक्त गिरोह के सम्बन्ध में पतारसी व सुरागरसी हेतु निर्देशित किया गया। आज सूचना मिली कि जिस गिरोह को वह तलाश कर रहे है वह थाना क्लेमटाउन क्षेत्र में होम मैड किचन के नाम के रेस्टोरेन्ट में यह गिरोह सक्रिय रहकर काम करता है। इस सूचना पर विश्वास कर आज निरीक्षक एनकेभटृ, उनि विपिन बहुगुणा, देवेन्द्र भारती, प्रमोद कुमार, सन्देश यादव, रवि पन्त, कादर खान, व श्ौलेष भटृ टीम को मय सरकारी लेपटाप, प्रिन्टर तथा सीज करने की साम्रगी के सरकारी वाहन से क्लेमनटाउन क्षेत्र में आये। ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी रोड पर साक्षी इलैक्ट्रिक वाली गली में होम मैड किचन के नाम के टिफीन रेस्टोरेन्ट में दाखिल हुआ तथा इस दौरान कांस्टेबल कादर खान द्वारा अपने साथ लाये सरकारी कैमरे से वीडियो बनाते हुये होम मैड किचन के रेस्टोरेन्ट में दाखिल हुये तो सामने एक मेज पर दो व्यक्ति बैठे हुये थे जिन्होने एक लैपटाप खोला था कुछ मोबाईल फोन टेबल पर रखे थे। जिनसे नाम—पता पूछा तो पहले व्यक्ति ने अपना नाम दिपांशु सिंह गुरू पुत्र बलजीत सिंह गुरु, निवासी डीएल रोड, रिस्पना, देहरादून बताया तथा दूसरे व्यक्ति ने अपना नाम सौरभ कुमार पुत्र सुरेश कुमार निवासी धरतावाला, निकट सैन्टरल बैंक आफ इण्डिया पण्डितवाडी प्रेम नगर देहरादून बताया। दोनो व्यक्तियों को अपनी टीम का रेस्टोरेन्ट में आने का कारण बताते हुये जामा तलाशी ली गई तो दीपॉशु के हाथ में पकडे हुये नीले रंग के थ्ौले के अन्दर से 03 बिना सिम के रैपर, 02 सिम कार्ड, 01 मोबाईल, 03 मोहरे व 01 पैड, 01 पैन कार्ड, एक ही नाम के 02 वोटर आई कार्ड, भिन्न—भिन्न बैंको के 15 डेबिट कार्ड, तथा 1 लाख 50 हजार रूपये कैश बरामद हुये तथा सौरम की तलाशी तथा उसकी निशांदेही पर मेज की दराज से 01 आधार कार्ड, 22 बैंक कार्ड, 01 पास बुक, 02 चौक बुक तथा 06 मोबाईल फोन एवं 01 हिसाब किताब की डायरी बरामद हुई तथा जिस टेबल पर दोनो व्यक्ति बैठे थे उस पर 01 लैपटाप एचपी कम्पनी सिल्वर रंग का बरामद हुआ जिसे सौरभ ने अपना बताया गया। उक्त बरामद मोबाईलो में धोखाधडी में प्रयोग किया गया संदिग्ध मोबाईल बरामद हुआ। दोनो व्यक्तियों से सख्ती से पूछताछ करने पर दीपॉशु द्वारा बताया गया कि उसको 6—7 महिने पहले ये सौरभ मिला था जिसने उसको बताया कि वह किसी बैंक के किसी भी व्यक्ति के सेविंग करन्ट एकाउन्ट मय मोबाईल नम्बर को उपलब्ध कराओगें तो उसको 01 सेविंग एकाउन्ट के बदले 20 से 25 हजार तक तथा करन्ट एकाउन्ट के बदले 40 से 50 हजार रूपये तक उसके द्वारा दिया जायेगा। इस पर आज उससे जितने भी डेबिट कार्डस मिले है उन सभी की पासबुक / चौक बुक व एटीएम कार्ड के नम्बर व पिन उसके द्वारा पहले ही सौरभ को उपलब्ध करा दिये गये थे उसको कुछ पेमेन्ट सौरभ पर बाकी था जिसे लेने के लिये वह आज यहाँ आया था और ये सारे डेबिट कार्ड सौरभ को उपलब्ध करा रहा था। उसके पास से जो भी रकम मिली है वो वह उसको इन खातो के बदले सौरम द्वारा दी गई है। खातो को खुलवाने की प्रक्रिया के सम्बन्ध में पूछने पर दीपॉशु ने बताया कि वह अपने दोस्तो या फिर कोई मजबुरी में हो तो उसकी तलाश कर उनके दस्तावेज आधार कार्ड पैन कार्ड आदि प्राप्त कर लेता है व अलग—अलग बैंको में जाकर उनके फर्जी खाते खुलवा देता है करन्ट एकाउन्ट खोलने के लिये वह फर्जी फर्म की मोहरो का प्रयोग करके उनसे सेविंग खातो में लगा देता है जिससे बैंक किसी फर्म का एकाउन्ट समझ कर सेविंग एकाउन्ट को करन्ट एकाउन्ट में परिवर्तित कर देता है। उसके पास 03 फर्मों की मोहरे है जिनका उपयोग अब तक उसके द्वारा किया गया है। जो अभी थ्ौले से उनको मिली है यह मोहरे उसने और सौरम ने मिल कर बनवाई थी। उन बरामद तीनो मोहरो के सैम्पल एक सफेद कागज में लगाकर फर्द के साथ संलग्न किया जायेगा। दूसरे व्यक्ति सौरभ ने पूछने पर बताया कि वह मुम्बई के थाणे में रह कर फिल्म प्रोडेक्शन में काम करता था वहाँ उसकी मुलाकात साहिल नाम के व्यक्ति से हुई थी उसने उसको यह काम बताया था कि एक गिरोह है जोकि विदेशो में अध्ययनरत छात्रों एवं उनके भारतीय परिजनो को रूपये के बदले डालेंर उपलब्ध कराने का झांसा देकर अलग—अलग बैंक खातो में प्राप्त करते है और उन्हे कोई डॉलर ना देकर इन रूपये को हडप लेते है जिसके लिये फर्जी बैंक खातो की जरूरत होती है। पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।




