पहाड़ पर सर्दी का सितम, बर्फबारी व बारिश को लोग तरसे

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चार महीने राज्य में नहीं हुई बारिश, सूखी सर्दी जानलेवा

  • घने कोहरे व पाले से ठिठुरन बढ़ी
  • फल और फसलों को भारी नुकसान
  • 16 साल में सबसे कम बारिश व बर्फबारी

देहरादून। लोग मौसम का मिजाज देखकर हैरान परेशान है ऐसा तो कभी नहीं होता है था। पूरी सर्दी का सीजन निकला जा रहा है न पहाड़ों पर बर्फबारी हो रही है और न बारिश की बूंद भी दिखाई दे रही है। कोहरे की घनी चादर और सफेद पाले की परत ने लोगों का घरों से निकलना मुश्किल कर दिया है। पूरे प्रदेश में सूखी सर्दी के सितम से लोग परेशान हैं तथा फल और फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी गलत साबित हो रही है 10 जनवरी के बाद राज्य में पश्चिमी विच्छोभ की सक्रियता के कारण बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई गई थी लेकिन पश्चिमी विच्छोभ की निष्क्रियता के कारण न बारिश देखने को मिली और न बर्फबारी। अब मौसम विभाग का यह भी कहना है कि जनवरी में बारिश व बर्फबारी की संभावनाएं दूर—दूर तक भी दिखाई नहीं दे रही है।
पहाड़ के लोग खासतौर पर देहरादून वासी आजकल कोहरे में लिपटे अपने शहर को देखकर हैरान है उनका कहना है कि दून में तो ऐसा कभी नहीं होता था अब उन्हें चटक धूप देखने को नहीं मिल रही है कोहरे की लहर जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी और ठंडी हवाएं जो हाड कंपा दे दिन में इस तरह का मौसम दून में कभी नहीं होता था बारिश या फिर रात की सर्दी और दिन की धूप के आदी लोगों को दूून का मौसम अत्यधिक खल रहा है लोग दिन में अलाव का सहारा लेने पर मजबूर है। वहीं सड़कों पर वाहनों को दिन में भी लाइट जला कर चलना पड़ रहा है। पहाड़ पर बर्फबारी न होने तथा बारिश न होने के कारण फसलें 25 से 30 फीसदी चौपट हो चुकी है वहीं मैदानी क्षेत्रों में पाले और कोहरे से 50 फीसदी फैसले खराब हो चुकी है।
रात और दिन के तापमान के अंतर ने लोगों को कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर दी हैं वहीं पहाड़ पर हो रही कम बर्फबारी के कारण गर्मियों में पेयजल संकट की संभावनाएं बढ़ा दी है। मौसम की यह विसंगति मौसम विज्ञानियों को भी हैरत में डाले हुए हैं। अगर आने वाले दिनों में बारिश नहीं होती है तो यह सर्दी और अधिक परेशान कर सकती है। राज्य में इस सर्दी के सीजन में 75 फीसदी बारिश कम हुई है जो बीते 16 सालों का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है।

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