लखनऊ। पूर्वांचल का चर्चित नाम, गैंगेस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी की जेल में मौत हो गई है। मौत के बाद मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने बांदा के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मांग की है कि उनके पिता का पोस्टमॉर्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से कराया जाए। अपने पत्र में अंसारी ने लिखा है कि उनके परिवार को बांदा की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने 2 पन्नों के खत में आरोप लगाया कि 63 वर्षीय पांच बार के पूर्व विधायक, मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में भोजन में मिलाकर “धीमा जहर” दिया जा रहा था। अंसारी के बेटे ने कहा, “मेरे पिता ने अदालतों को पत्र लिखकर बताया कि उन्हें ‘धीमा जहर’ दिया जा रहा है, अब पूरा देश इस बारे में जानता है।” उमर ने ये भी आरोप लगाया कि जब वो अपने पिता से मिलने अस्पताल पहुंचा था तब उसे उसके पिता से मिलने नहीं दिया गया। उसने खत में लिखा, “28 मार्च को मेरे पिता ने पीसीओ से मुझे कॉल कर के बताया था कि उन्हें जहर दे दिया गया है और उन्हें 10 दिनों से “नित्य क्रिया” नहीं हुई है।” उमर के अनुसार उसके पिता ने फोन पर उससे कहा, “बेटा, मैं अब बचूंगा नहीं मुख्तार अंसारी के बेटे ने खत में उत्तर प्रदेश सरकार पर भरोसा ना होने की बात कहते हुए अपने पिता का पोस्टमार्टम दिल्ली एम्स के डॉक्टरों से कराने की बात की है। साथ ही उसने आरोप लगाया है कि उसके पिता की मौत एक ‘सुनियोजित साजिश’ के तहत की गई है, इसलिए इसकी उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। अस्पताल के मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, अंसारी को बांदा जिले के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाने के कुछ ही घंटों के भीतर गुरुवार, 28 मार्च को हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई।