लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सड़क पर धार्मिक आयोजनों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। यूपी सरकार ने ऐलान किया है कि सड़क पर कोई धार्मिक आयोजन नहीं होगा। सड़क पर नमाज पढ़े जाने पर भी पाबंदी रहेगी। ईद उल फितर और अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों के पहले ये दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। ईद और अक्षय तृतीया के अवसर पर शांति, कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन सक्रिय और सतर्क दिख रहा है। माना जा रहा है कि प्रयागराज में अतीक अहमद के सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर कुछ उपद्रवी तत्व माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर सकते हैं।
प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में हत्या की घटना के बाद शरारती तत्व गड़बड़ी कर सकते हैं, ऐसी आशंका को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है। संवेदनशील जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। सड़क पर नमाज पढ़ने पर भी पाबंदी लगाई गई है।
प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने निर्धारित स्थानों पर ही सभी तरह के धार्मिक आयोजन कराने के कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि किसी भी दशा में सड़क व यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो। यह भी कहा है कि किसी भी तरह से पारंपरिक मार्गों की जगह नए स्थानों से जुलूस निकालने या अन्य तरह के आयोजनों की कतई अनुमति नहीं होगी। पुलिस प्रशासन द्वारा तय मार्गों से ही ऐसे जुलूस या शोभायात्रा आदि निकाली जाए। प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सड़क मार्ग पर किसी भी तरह से ट्रैफिक रोककर किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं होगी। नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए। साथ ही माहौल खराब करने वाले अराजकतत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। वरिष्ठ अधिकारी फर्जी खबरों पर तुरंत स्पष्टीकरण जारी करें।