सभी जिलों को एक—एक लाख दिए
मंदिर व शक्तिपीठों में होंगे आयोजन
देहरादून। उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब उत्तराखंड सरकार द्वारा भी चैत्र नवरात्रों को नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाए जाने का फैसला किया गया है। राज्य संस्कृति विभाग द्वारा इस अवसर पर आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों के लिए सभी जिलाधिकारियों को एक—एक लाख रूपये की धनराशि अवमुक्त की गई है।
इस आशय की जानकारी संस्कृति विभाग के सचिव हरिशचंद्र द्वारा देते हुए बताया गया है। 22 मार्च से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रों के अवसर पर राज्य के सभी जिलों में देवी मंदिरों और शक्तिपीठों में विशेष आयोजन किए जाने प्रस्तावित है। जिसके आयोजनों के लिए सभी जिलाधिकारियों को जनपद विकासखंड स्तर पर आयोजनों के लिए समितियां बनाने के निर्देश दिए हैं। जिनके माध्यम से स्थानीय कलाकारों व गायकों द्वारा दुर्गा सप्तसती, देवी जागरण तथा रामचरितमानस पाठ के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। तथा जिला सूचना अधिकारी के द्वारा इनके प्रचार—प्रसार का काम किया जाएगा। इन कार्यक्रमों में विशेष रूप से महिलाओं और बालिकाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं।
इन कार्यक्रमों और आयोजनों के बारे में बाल एवं महिला विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि यह मातृशक्ति के जागरण का एक अच्छा प्रयास है। उनका कहना है कि महिलाओं व बालिकाओं में इससे अपनी संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। उधर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भटृ का कहना है कि नवरात्रि मातृशक्ति के सम्मान का उत्सव है। नवरात्रि में सभी देशवासियों द्वारा मातृशक्ति की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दौरान पूजा—पाठ, शक्ति आराधना से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह नारी शक्ति उत्सव, मातृ शक्ति का सम्मान है। उनका कहना है कि हमारी संस्कृति और ग्रंथों में नारी शक्ति व सम्मान के बारे में कहा जाता है कि जहां नारी पूजा होती है वहां देवताओं का वास होता है।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व यूपी की योगी सरकार द्वारा भी नवरात्रि पर दुर्गा सप्तसती पाठ व अखंड रामायण पाठ के आयोजनों के लिए एक—एक लाख रूपये की राशि सभी जिलों को आवंटित की गई है। जिसे लेकर यह सवाल उड़े थे कि क्या सरकार अब सभी धर्मों के धार्मिक उत्सव के लिए इसी तरह अनुदान दिया करेगी?