नई दिल्ली/देहरादून। अंकिता की चिता की आग भले ही ठंडी पड़ गई हो लेकिन अंकिता मर्डर केस को लेकर जनाक्रोश अभी भी अपने चरम पर है। दिल्ली स्थित उत्तराखंड भवन से लेकर राजधानी दून और हल्द्वानी से लेकर कोटद्वार तक आज पहाड़ की बेटी को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन और रैलियों से लेकर हाइवे जाम तक किया गया।
भले ही अंकिता की हत्या को एक सप्ताह से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन उसकी हत्या को लेकर पूरा पहाड़ तो सुलग ही रहा है अब इसकी लपटे दिल्ली सहित देशभर में पहुंच चुकी है। आज इस हत्याकांड के विरोध में नई दिल्ली स्थित राज्य सरकार के उत्तराखंड भवन पर महिलाओं द्वारा जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया गया। आज यहां मुख्यमंत्री सहित राज्य के अन्य कई मंत्री भी ठहरे हुए हैं।
वहीं राजधानी दून में आज कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत व प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित तमाम नेताओं ने गांधी पार्क के सामने धरना प्रदर्शन किया और सरकार पर इस मामले की जांच में लापरवाही बरतने तथा आरोपियों को बचाने के प्रयास करने का आरोप लगाया गया। कांग्रेसी नेताओ ने इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराने की मांग की या फिर सीबीआई से जांच कराने की बात कही। कांग्रेसी नेताओं ने रात में बिना शासन प्रशासन की अनुमति के रिजार्ट पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को साक्ष्य मिटाने का प्रयास बताया तथा मांग की है कि वह वीवीआइपी कौन था जिसको विशेष सेवा देने का दबाव अंकिता पर बनाया जा रहा था। प्रदर्शनकारियों में तमाम कांग्रेस के बड़े नेता शामिल थे।
उधर आज कोटद्वार कोर्ट में आरोपियों की पेशी की खबर मिलने पर सैकड़ों महिलाएं कोर्ट परिसर में पहुंच गई और आरोपियों को अपने सुपुर्द करने की मांग करने लगी। महिलाओं ने आरोपियों को फांसी देने की मांग करते हुए कहा कि जो भी वकील आरोपियों का केस लड़ेगा उसका भी विरोध किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने आज यहां हाईवे को भी जाम कर दिया जिससे घंटों यातायात बाधित रहा। उधर आज हल्द्वानी में भी बड़ी संख्या में छात्र—छात्राओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया उनकी मांग है कि आरोपियों को फांसी की सजा दी जाए तथा सरकार ऐसे नियम कानून बनाए कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो।
अंकिता हत्याकांड को लेकर आरोपियों की बेल की अर्जी लगाने वाले रिमांड एडवोकेट ने अब केस लड़ने से मना कर दिया है। एडवोकेट जितेंद्र रावत ने कोटद्वार न्यायायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी भावना पांडे की अदालत में बेल अर्जी लगाई थी। अब उन्होंने कहा कि मामले को संदेवनशील देखते हुए उन्होंनें आरोपियों की बेल की अर्जी का प्रार्थना पत्र वापस ले लिया है।
आरोपियों को नहीं मिला कोई वकील, नहीं हो सकी सुनवाई
कोटद्वार। अंकिता मर्डर केस में आरोपी पुलकित आर्य और अन्य को आज कोर्ट में पेश किया गया लेकिन आरोपियों की तरफ से कोई अधिवक्ता न होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी। कोटद्वार बार एसोसिएशन ने पहले ही प्रस्ताव पारित कर यह साफ कर दिया है कि कोई भी वकील इन आरोपियों का केस नहीं लड़ेगा।