अनावश्यक कार्रवाई न करेंः धामी
व्यवसायियों में कार्रवाई से हड़कंप
देहरादून। अंकिता मर्डर केस को लेकर राज्य भर में होमस्टे, होटल और रिजार्ट की जांच और उनके खिलाफ की जा रही सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। जिसका प्रभाव राज्य की पर्यटन विकास पर भी पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अंकिता मर्डर केस के खुलासे के बाद राज्य के सभी रिजार्ट की जांच के आदेश दिए गए थे तथा किसी भी तरह की अनियमितताएं मिलने पर उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। सभी जिलाधिकारियों को शासन द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद जब प्रशासन द्वारा इस पर कार्रवाई शुरू की गई तो दून से लेकर नैनीताल और अल्मोड़ा तक सैकड़ों की संख्या में ऐसे होमस्टे और होटल, रेस्टोरेंट, गेस्ट हाउस तथा रिजार्ट पर प्रशासन का डंडा चल चुका है, जिन्हें या तो सील किया जा चुका है या उन पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। शासन प्रशासन का कहना है कि जो नियम विरुद्ध है या जहां अनियमितताएं मिल रही हैं उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है जो नियमानुकूल है उनको कोई खतरा नहीं है। जो गलत है उस पर कार्रवाई होनी ही चाहिए। इस बाबत खुद सीएम धामी ने भी कहा है कि किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह मुद्दा राज्य के पर्यटन के भविष्य से जुड़ा हुआ है। लेकिन वहीं कुछ होटल, रिजॉर्ट और होमस्टे स्वामियों का कहना है कि सभी के खिलाफ ऐसी कार्यवाही ठीक नहीं है जहां कुछ अनुचित हो रहा है या अनुचित है वही कार्रवाई की जाए।
बहरहाल एक तरफ सरकार के निर्देशों पर कार्यवाही जारी है वहीं दूसरी तरफ इस कार्यवाही से इस व्यवसाय से जुड़े व्यवसाई परेशान हैं। तथा वह इसे राज्य के पर्यटन को झटका देने वाली कार्यवाही बता रहे हैं। राज्य में होटल, रेस्टोरेंट, और रिजार्ट तथा होमस्टे व गेस्ट हाउस के लिए स्पष्ट नियम कानूनों की जरूरत है। राज्य गठन के बाद इस पर सरकारों ने समय रहते काम किया होता तो शायद यह स्थिति पैदा नहीं होती। नियम कानून के अभाव में पहले लोगों को मिली खुली छूट के कारण ही यह समस्या पैदा हुई है। शासन का कहना है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने वाले तथा नियम विरुद्ध बने रिजार्ट व होमस्टे तथा होटलों पर यह कार्यवाही जारी रहेगी।