गरुड़ चटृी में हुई दुर्घटना, हेली सेवा पर फिलहाल रोक
दुर्घटना का कारण खराब मौसम
रुद्रप्रयाग। आज दोपहर के समय केदारनाथ घाटी में हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 7 लोगों की मौत हो गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताते हुए दुर्घटना की विस्तृत मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं। जिला प्रशासन द्वारा फिलहाल केदारघाटी में हेली सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर एक निजी कंपनी आर्यन का बताया गया है जो फाटा हेलीपैड से यात्रियों को लेकर रूद्रप्रयाग आ रहा था। लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद गरुड़ चटृी में यह हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें आग लग गई। हेलीकॉप्टर में एक पायलट सहित 7 श्रद्धालु सवार थे। दुर्घटना का कारण प्रथम दृष्टया खराब मौसम बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार केदारघाटी में घना कोहरा छाया हुआ है तथा भारी बारिश हो रही है।
हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारी और एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं तथा बचाव राहत कार्य जारी है। जिला प्रशासन द्वारा खराब मौसम व हेली हादसे के मद्देनजर फिलहाल केदारनाथ की हेली सर्विस पर रोक लगा दी गई है। यह दुर्घटना आज 12 बजे के आसपास उस समय हुई जब बाबा केदार के दर्शन कर यह यात्री वापस लौट रहे थे। फाटा हेलीपैड से इस हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी थी। इस हादसे का कारण खराब मौसम बताया जा रहा है घाटी में आज सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ था और बारिश हो रही थी। जानकारी के अनुसार हेलीकॉप्टर को कैप्टन अनिल सिंह उड़ा रहे थे तथा उसमें छह श्रद्धालु सवार थे जो सभी दक्षिण भारत के रहने वाले बताये गए हैं। मृतकों के नाम पूर्वा राम्या, कार्तिक वोराद, प्रेम कुमार और काला तथा उर्वी व सुजाता बताया गया है जिसमें पायलट अनिल कुमार मुंबई के रहने वाले हैं जबकि 3 यात्री गुजरात एक झारखंड व एक कर्नाटक के बताए गए हैं।
दुर्घटना पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह ने शोक संवेदना व्यक्त की हैं। उल्लेखनीय है कि बीते 8 साल में केदारघाटी में होने वाली यह सातवीं हेली दुर्घटना है। 21 जून 2013 में आपदा राहत कार्य में लगा सेना का एक एमआई—17 भी यहीं गरुड़ चटृी में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।
नियम ताक पर रखकर हो रहा है हेली संचालनः मनोज
रुद्रप्रयाग। पूर्व विधायक मनोज रावत ने आज केदार घाटी की गरुड़ चटृी में हुई रैली दुर्घटना पर दुख जताते हुए शासन—प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केदारघाटी में हेली सेवाओं के संचालन में सामान्य नियमों का भी ख्याल नहीं रखा जा रहा है। उनका कहना है कि हेली सेवाओं में हेली कंपनियों की मनमानी चल रही है तथा उन पर शासन—प्रशासन का कोई भी नियंत्रण नहीं है। उनका कहना है कि जब मौसम इतना खराब था, घना कोहरा छाया हुआ था और तेज बारिश हो रही थी तो हेली सेवाओं को क्यों नहीं रोका गया। जिसके कारण 7 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
हवा में ही हो गए हेली के कई टुकड़े, लगी आग
रुद्रप्रयाग। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि घने कोहरे के कारण पहाड़ से टकराकर हेलीकॉप्टर के कई टुकड़े हो गए और हवा में ही उसमें आग लग गई और उसके अवशेष जलते हुए घाटी में आकर गिर गए। इस हेली दुर्घटना को लेकर यह बताया जा रहा है कि कम विजिविलिटी के कारण पायलट पहाड़ का अनुमान नहीं लगा सका और उससे टकरा गया। हादसे के बाद हेलीकॉप्टर के कई टुकड़े हो गए और वह जलते हुए जमीन पर आ गिरे। इस दौरान यहां तेज बारिश भी हो रही थी। जो इस दुर्घटना का कारण बनी।