चेन्नई। तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने विधानसभा में आज मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच की रिपोर्ट पेश कर दी है। इस जांच रिपोर्ट में सनसनीखेज बातें सामने आई हैं। हाईकोर्ट के एक पूर्व जज ने अपनी जांच के रिपोर्ट में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री की 2016 में चेन्नई के एक हॉस्पिटल में भर्ती होने के बाद उनकी मौत की जांच होनी चाहिए। इस मामले में जयललिता की बेहद करीबी रहीं शशिकला की भूमिका की गहन जांच जरूरी है, यही नहीं डॉक्टरों की भूमिका भी संदिग्ध है। साल 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच करने वाले जस्टिस ए अरुमुघस्वामी आयोग ने अपनी जांच रिपोर्ट में टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री की विश्वासपात्र वी के शशिकला को अपनी गलती माननी होगी और इस संबंध में जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। समिति ने शशिकला के साथ कई अन्य संदिग्धों का भी नाम लिया है। खबरों के मुताबिक, जयललिता की मौत के वक्त उनकी करीबी रहीं शशिकला का उनसे अलगाव हो गया था। ऐसा माना जाता है कि उस समय जया और शशि के बीच मतभेद उभर गए थे। अरुमुघस्वामी आयोग पिछले 5 सालों से जयललिता की मौत के अलग-अलग एंगल से जांच कर रहा था। साल 2016 में गंभीर रूप से बीमार होने के बाद जयललिता को चेन्नई स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लंबे समय तक इलाज के बाद जयललिता का निधन 5 दिसंबर 2016 को हो गया था। इस दौरान उनकी मौत के पीछे कई तरह की शंकाएं जताई जा गई थी। जयललिता के विश्वासपात्र और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने उनकी मौत के मामले में आयोग बनाकर जांच की मांग की थी।