चारधाम यात्रियों की दुश्वारियां

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चार धाम यात्रा को शुरू हुए अभी चंद दिनों का समय ही गुजरा है। सूबे में हो रही बेमौसम बारिश और बर्फबारी ही नहीं सरकार की आधी अधूरी तैयारियों के कारण भी यात्रियों को अनेक तरीके की दुश्वारियां से दो चार होना पड़ रहा है। अभी बीते दिनों चार धाम की व्यवस्थाओं को लेकर जब पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से सवाल पूछा गया था तो उनका कहना था कि जब मौसम खराब है तो उसमें वह क्या कर सकते हैं? निश्चित तौर पर इस तरह का बयान कोई गैर जिम्मेदार मंत्री ही दे सकता है। पर्यटन मंत्री मौसम खराब रहता है या फिर अच्छा रहता है इसमें भले ही कुछ न कर सके लेकिन खराब मौसम में भी व्यवस्थाओं को कैसे चुस्त—दुरुस्त रखा जाए? यह जरूर कर सकते हैं। यात्रा शुरू होने से पहले चार धाम यात्रा की तैयारियों को लेकर अनेक दावे और बड़ी—बड़ी बातें की गई थी। लेकिन धरातल पर यह तैयारियां क्या है? इसका बखान अब पर्यटन मंत्री खुद ही कर रहे हैं। यात्रा की व्यवस्थाओं का जायजा लेने बीते कल सड़कों पर उतरे मंत्री सतपाल महाराज को अनेक स्थानों पर सड़कों में खामियां नजर आई और वह यह दिशा निर्देश देते दिखे कि यहां एलाइनमेंट ठीक न होने के कारण वाहनों के एक्सेल टूट रहे हैं तथा इन स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था की कमी है तथा इन स्थानों पर सड़कों की मरम्मत की जरूरत है। सवाल यह है कि मंत्री सतपाल महाराज के पास पीडब्ल्यूडी विभाग भी है समय रहते उन्होंने इन सड़कों को दुरुस्त क्यों नहीं कराया। अब जब सूबे में बारिश और बर्फबारी थमने का नाम नहीं ले रही है और यात्रा शुरू हो चुकी है तब इन सड़कों की स्थिति को सुधारने का काम किया जाना संभव नहीं है। यह कोई अकेला ऐसा मुद्दा नहीं है। सरकार द्वारा यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य कर दिया गया और यात्रियों को लाट सिस्टम से दर्शन कराने की व्यवस्था की गई थी लेकिन उसकी यह व्यवस्था अब पूरी तरह से फेल साबित हो चुकी है। यात्रियों को अभी भी लंबी लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है तथा असीमित संख्या में यात्री धामों में पहुंच रहे हैं। यह स्वाभाविक ही है कि अगर क्षमता से अधिक यात्री धामों में पहुंचेंगे तो फिर अव्यवस्थाओं का हावी होना स्वाभाविक है और हो भी यही रहा है। उसके ऊपर से खराब मौसम ने तो इन धामों की व्यवस्थाओं को बिगाड़ ही दिया है। हेली टिकटों की बुकिंग को लेकर सबसे ज्यादा मारामारी हो रही है चंद घंटों में ही स्लाट फुल हो जाते हैं और कई कई दिन के लिए बुकिंग रोक दी जाती है। यात्रियों को यह समझ ही नहीं आ रहा है कि वह अपनी यात्रा की प्लानिंग किस तरह से करें? कहां होटल बुक कराएं और कैसे हेली टिकट बुक कराएं अब तक कई फर्जी वेबसाइटों को भी बैन किया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद भी स्थिति संतोषजनक नहीं है। धामों में खाने—पीने के सामान मनमाने दामों पर मिल रहे हैं तथा टेंट और आवास गृह में मनमानी वसूली हो रही है गैर पंजीकृत और निजी वाहनों का उपयोग ट्रेवल एजेंसियों व व्यवसायियों द्वारा किया जा रहा है। अभी एक दिन में जांच के बाद ऐसी टैक्सीयंा सीज की गई थी जो गैरकानूनी ढंग से चल रही थी। ऐसी कोई एक समस्या नहीं है जिसका सामना चारधाम यात्रियों को करना पड़ रहा है। इसके बावजूद भी चार धाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। यह यात्री तमाम मुश्किलों के बीच भी धामों में पहुंच रहे हैं। सरकार की सोच है कि यह उनकी व्यवस्थाओं का कमाल है मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि हमारी व्यवस्थाएं ही हमारा ब्रांड इम्बेस्डर है। लेकिन इन व्यवस्थाओं में यात्रा कर रहे श्रद्धालु ही जानते हैं कि उनका हाल क्या है। खास बात यह है कि मौसम के अभी सुधरने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है ऐसे में यात्रियों की परेशानियां बढ़ना स्वाभाविक ही है।

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