धामों में सीमित संख्या में ही जा सकेंगे यात्री

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रजिस्ट्रेशन होने पर भी रोका जा सकता है
यात्रा पड़ावों पर रोकने की व्यवस्था होगी

देहरादून। चार धाम यात्रा में अव्यवस्थाओं को लेकर सवालों के घेरे में घिरी सरकार ने अब इससे निपटने के लिए कमर कस ली है। यात्रा में उमड़ रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अब यह तय किया गया है कि क्षमता से अधिक यात्रियों को किसी भी धाम में नहीं जाने दिया जाएगा। जिस धाम मेंं जितने यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था होगी उतने ही यात्री हर दिन भेजे जाएंगे। वही यात्रा पड़ावो पर भी उतने ही यात्री जा सकेंगे जितने लोगों की व्यवस्था होगी।
सबसे अधिक समस्या इन दिनों केदारधाम में हो रही है जहां पर हर रोज तय संख्या से अधिक यात्री पहुंच रहे हैं। केदारनाथ की व्यवस्थाओं को देखने की जिम्मेवारी लेने वाले मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि धाम में अब एक दिन में उतने ही यात्री जाएंगे जितने की ठहरने की व्यवस्था है। उनका कहना है कि यात्रियों को राम वाड़ा और गुप्तकाशी तथा गौरीकुंड पड़ावों पर रोकने की व्यवस्था की गई है। उनका कहना है कि इन पड़ावों पर भी उतने ही यात्री भेजे जाएंगे जितनी यहंा ठहरनेे की क्षमता होगी। उन्होने कहा है कि भले ही अब तक बिना रजिस्ट्रेशन आने वाले यात्रियों को ही यात्रा पर जाने से रोका जा रहा था लेकिन अब रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों को भी पड़ावो पर रोका जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते कल पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी यात्रा को धीमा करने का सुझाव दिया था।
उधर डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि व्यवस्थाओं को और अधिक दुरुस्त किया जा रहा है उनका कहना है कि हरिद्वार तथा तपोवन में जाम की खबरें मिल रही थी। ऋषिकेश में राफ्टिंग वाहनों के कारण से यातायात बाधित होने की खबरें थी। उन्होंने कहा कि रूट डायवर्ट के जरिए परिवहन को सुचारू कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे यात्रियों को कोई परेशानी न हो। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हरिद्वार और ऋषिकेश जिसे चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार माना जाता है वहीं से यात्रियों की समस्याएं शुरू हो जाती हैं बीते कल मुख्य सचिव एसएस संधू ने इस मार्ग का निरीक्षण कर यहां हुए सभी अतिक्रमण को हटाने के निर्देश दिए गए थे।
विपक्ष कांग्रेस द्वारा यात्रा में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर हर रोज सरकार की घेराबंदी की जा रही है सरकार जो अब तक व्यवस्थाओं के दुरुस्त होने व यात्रा के सुचारू संचालन के दावे कर रही थी अब उसे भी समझ आ गया है कि बिना बड़े बदलाव के यात्रा को सुचारू नहीं बनाया जा सकता है। यही कारण है कि अब सभी पुराने नियम बदले जा रहे हैं।

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