देहरादून। कोरोना की मार से सिनेमा जगत को भी भारी नुकसान हुआ है। महीनों से कोरोना के कारण बंद पड़े सिनेमाघरों को भले ही सरकार द्वारा खोलने की अनुमति दे दी गई हो लेकिन सिनेमाघर संचालकों के लिए सिनेमा घर चलाना अब घाटे का सौदा हो रहा है। न उनके पास अच्छी दिखाने की फिल्में ही है और न फिल्म देखने वाले लोग।
राजधानी देहरादून सहित राज्य के दूसरे शहरों में बीते तीन—चार माह से सिनेमाघर बंद पड़े हैं। जिसके कारण सिनेमाघरों में काम करने वाले कर्मचारी और सिनेमाघरों के संचालकों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। राजधानी दून के कई सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर पहले ही बंद हो चुके और सिनेमा घर चल भी रहे थे तो अब कोरोना की मार के कारण वह भी बंदी की कगार पर पहुंच गए हैं।
खास बात यह है कि कोरोना काल में जहां एक ओर नई फिल्में रिलीज नहीं की जा रही है वही पुरानी फिल्मों के सहारे सिनेमाघरों को चलाना संभव नहीं है। एक गंभीर समस्या यह भी है कि कोरोना के डर से लोगों में सिनेमा देखने के प्रति अब पहले जैसा उत्साह भी नहीं रहा है। जब दर्शक ही नहीं है तो सिनेमा घरों का संचालन करने का भी क्या लाभ है। भले ही सरकार द्वारा सिनेमा घरों को टैक्स व बिजली बिलों में राहत दी गई हो लेकिन कई महीनों से कोरोना की मार झेल रहे सिनेमाघरों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि राज्य के सिनेमाघरों का संचालन पूर्ववत हो सकेगा इसकी संभावनाएं दूर—दूर तक दिखाई नहीं दे रही है। सिनेमाघरों के कर्मचारी भी कोरोना काल में रोजगार के दूसरे क्षेत्रों में जाने पर विवश हुए हैं।