दरकते पहाड़ों और उफनती नदियों से लोग दहशत में

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देहरादून। उत्तराखंड में पिछले तीन—चार दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्तव्यस्त हो रखा है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन के लिए भी ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया हुआ है। बारिश का कहर राजधानी से लेकर धर्मनगरी तक दिखाई दे रहा है। जिसकारण लोगों में दहशत है। खासकर पहाड़ों में रहने वाले लोगों में पहाड़ों के दरकने, बादल फटने जैसी घटनाओं का डर बना रहता है।
पहाड़े में भारी बारिश से भूस्खलन और भूधंंसाव के चलते पांच नेशनल हाईवे समेत कुल 219 सड़कें बंद हैं। इनमें से कई मार्ग तो ऐसे हैं जिनका बनने में ही लंबा समय लगने वाला है। ऐसे में परेशानी तो आम जनता के लिए ही है क्योंकि इससे राशन, सहित अन्य जरूरी सामानों की आपूर्ति भी मुश्किल हो जाएगी। वैकल्पिक मार्गों के जरिए थोड़ा बहुत राहत लोगों को पहुंचाई जा सकती है लेकिन यह व्यवस्था भी कितने दिन तक चल पायेगी।
टिहरी जिला प्रशासन ने ऋषिकेश—बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 को तपोवन से मलेथा तक आवागमन के लिए बंद कर दिया है। तोताघाटी में रोड अत्यंत क्षतिग्रस्त हो गई है। इसके अलावा भी देवप्रयाग से तोताघाटी तक कई स्थानों पर रोड पर बोल्डर गिरे हैं। वर्तमान में यह राष्ट्रीय राजमार्ग/ तोता घाटी मार्ग पूर्णतः बंद है। प्रशासन द्वारा सड़कों को खोलने का कार्य तो किया जा रहा है लेकिन बारिश के कारण भूस्खलन होने से मार्ग फिर बंद हो जा रहे हैं।
ऋषिकेश—बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग 58 तपोवन से मलेथा तक बंद होने की स्थिति में दो वैकल्पिक मार्ग हैं, लेकिन जानकारों ने यात्रा के लिए इन मार्गों को भी सुरक्षित नहीं बताया है। बहुत जरूरी होने पर ही यात्रा करने की सलाह दी गई है। इनमें पहला मार्ग श्रीनगर—बदरीनाथ जाने के लिए ऋषिकेश—चंबा—कोटी कॉलोनी टिहरी से होते श्रीनगर की ओर जाया जा सकता है, लेकिन इस मार्ग पर भी नरेंद्रनगर व खाड़ी के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण यातायात बाधित हो रहा है। र्तमान में मात्र चम्बा—धनौल्टी—सुवाखोली—मसूरी मार्ग खुला है जिसके संकरे होने के कारण यहां पर यातायात का दबाव बना हुआ है।

नेशविला रोड के पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त
देहरादून। भारी बारिश के चलते नेशविला रोड वार्ड न. 10 में भी बकराल वाला में पुल के नीचे का एक बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। बचे हुए पुल मे दरार आ गई है। इस पुल को ठीक करने के लिए समय रहते यदि कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती है। वहीं दूसरी ओर पथरीया पीर का पुल में भी दरार आ गई थी लेकिन इस पुल का मरम्मत का कार्य प्ररम्भ हो गया है।

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