अंकिता भंडारी केस की सीबीआई जांच की मांग
वीवीआइपी का नाम उजागर करें एसआईटी
देहरादून। अंकिता भंडारी मर्डर केस की सीबीआई जांच की मांग और वीवीआईपी के नाम के खुलासे तथा अंकिता भंडारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के मुद्दे पर आज कांग्रेसियों ने प्रदेश भर में जबरदस्त धरने प्रदर्शन किए। राजधानी दून में इस मामले को लेकर कांग्रेसियों की पुलिस के साथ जबरदस्त खींचातानी हुई। पुलिस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित 6 लोगों को उठाकर पुलिस लाइन ले गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उन पर शांति भंग करने के मामले में मुकदमा दर्ज कर पेश किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस द्वारा पहले से ही इस मुद्दे को लेकर प्रदेश मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम तय था लेकिन ऋषिकेश में बीते 6 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे युवा न्याय समिति के सदस्यों द्वारा आज अचानक राजभवन पर पहुंचकर धरना दिया गया जिसको समर्थन देने के लिए कांग्रेस के नेता भी यहां पहुंच गए। राज भवन पर धरने की सूचना जब पुलिस को मिली तो कैंट थाना पुलिस व अन्य कई अधिकारी यहां पहुंच गए और आंदोलन कर रहे कांग्रेस नेता जयंत रमोला सहित तमाम लोगों को उठाकर कैंट थाने ले आए। जहां इनकी पुलिस के साथ जबरदस्त भिड़ंत हुई।
कैंट थाने में हुए हंगामे के दौरान पुलिस के साथ इनकी धक्का—मुक्की भी हुई जिसमें जयंत रमोला को चोट भी आई, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा व गरिमा दसौनी, मथुरा दत्त जोशी और जसमिंदर गोगी सहित छह लोगों को पुलिस जबरदस्ती उठाकर पुलिस लाइन ले गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बिना किसी अनुमति के राज भवन पर धरना कर रहे इन लोगों को शांति भंग करने के मामले में गिरफ्तार किया गया है तथा आज ही कोर्ट में पेश किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि दून और हरिद्वार सहित आज तमाम जनपदों में इस मुद्दे पर जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किए गए हैं। इस बीच महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती विपिन रावत की मौत की खबर भी आ जाने पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने रोष जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अभी और कितने बच्चों की जान की बलि लेंगे। प्रदेश की कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है। बिपिन रावत पर 24 नवंबर को एक होटल में कुछ युवकों ने हमला किया था आरोपियों को पुलिस पर संरक्षण का आरोप है। करन माहरा का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें पुलिस लाइन में इसलिए बैठा रखा है कि बिपिन रावत के परिजनों के पास न जा सके।