शहर की यातायात व्यवस्थाः अधिकारियों की अज्ञानता बनी जनता के जी का जंजाल

0
606

देहरादून। शहर की यातायात व्यवस्था में जाम अधिकारियों की अज्ञानता का ही कारण है कि जनता को इससे दो चार होना पडता है तथा अधिकारी शहर के बारे में जाने बगैर फरमान जारी कर देते हैं जोकि जनता के जी का जंजाल बन जाता है।
राज्य निर्माण के बाद दून के राज्य की राजधानी बनाने की घोषणा के बाद से ही यहां की जनता को जाम के झाम से दो चार होना पड रहा है। यहां पर जो भी अधिकारी आया उसके सामने शहर की यातायात व्यवस्था एक चुनौती की तरह सामने खडी दिखायी देती है और इस समस्या से निपटने के लिए वह इस शहर की संरचना के बारे में जानकारी लेने के बजाय अपना फरमान जारी कर देते हैं। जो कि जनता के लिए मुसीबत का सबब बन जाता है। कभी कोई अधिकारी फरमान जारी करता है कि सडकों पर रस्सी लगाकर यातायात को डायवर्ड करो तो कोई यातायात कार्यालय पर पार्क बनाकर लोगों को जागरूक करने का पाठ पढाता दिखायी देता है। यहां तक कि यातायात पर फिल्म बनाकर उसको यातायात कार्यालय में लोगों व स्कूली बच्चों को दिखाकर यातायात का पाठ भी पढाया गया। लेकिन उसका नतीजा शून्य रहा। यातायात समस्या जस की तस ही दिखायी दी। कोई अधिकारी स्कूली बच्चों को चौराहे पर लाकर उनसे यातायात सुचारू कराने का प्रयास करता है तो कोई फूल बांटकर यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने की बचकानी हरकत करते हुए दिखायी देते हैं। अगर फूल बांटकर, यातायात पार्क बनाकर या फिर फिल्म दिखाने से यातायात व्यवस्था पटरी पर आती होती तो यह समस्या कभी की दूर हो चुकी होती। लेकिन किसी भी अधिकारी ने धरातल पर उतरकर दून की यातायात व्यवस्था की नस पकडने का प्रयास किया होता तो शायद किसी हद तक यहां की यातायात व्यवस्था को सुचारू कर लिया होता। अब एक नये साहब आये हैं यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए। यह साहब नो पर्किग में खडे वाहनों पर क्लीप लगाकर चालान करने को यातायात व्यवस्था को सुधारने के दावे करते फिर रहे हैं। अगर वाहनों पर क्लीप लगाकर और जुर्माना वसूल करने से शहर की यातायात व्यवस्था सुधरती तो फिर क्या कहने। ऐसे अज्ञानता पूर्ण कार्य करने से यह अधिकारी जनता के बीच उपहास का कारण बनने से ज्यादा कुछ नहीं। इन साहब को यह नहीं पता कि अगर नो पार्किग में खडे वाहन को क्लीप लगा दिया तो वह तो वहीं खडा रह जायेगा और जाम का कारण ओर बनेगा। अगर वाहन स्वामी कहीं दूर हुआ तो उसके लिए तो यह ओर सुरक्षित काम हो जायेगा। यह तो बहुत ही आसान काम जनता के लिए किया जा रहा है। वाहन स्वामी को अपने वाहन के चोरी होने का भी कोई खतरा नही क्योंकि वाहन पर तो पुलिस ने क्लीप लगा दिया है और दो घंटे बाद आकर पांच सौ रूपये देकर वह अपना वाहन छुडाकर ले जायेगा। पांच सौ रूपये में उसका वाहन तो सुरक्षित मिला तो उसको पांच सौ रूपये का भी कोई दुख नहीं होता। साहब धरातल पर आ जाओ हवा हवाई से कोई फायदा नही।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here