हाईकोर्ट की डबल बेंच ने खारिज किया सिंगल बेंच का फैसला
देहरादून/नैनीताल। विधानसभा में बैक डोर भर्तियों के मामले में आज राज्य सरकार उस समय बड़ी राहत मिली जब डबल बेंच द्वारा सिंगल बेंच के फैसले को रद्द करते हुए इन भर्तियों को अवैध ठहरा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में बैकडोर भर्तियों को लेकर घिरी सरकार और विधान सभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी द्वारा ३०० के लगभग उन भर्तियों को जो 2016 से लेकर 2022 के बीच हुई थी रद्द कर दिया गया। बैकडोर भर्तियों के जरिए नौकरी से हटाए जाने वाले लोगों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जहंा हाईकोर्ट की सिंगल बेंच द्वारा इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी को गलत बताते हुए उन्हें ज्वॉइनिंग के आदेश दिए गए थे। इस फैसले की कॉपी लेकर यह कर्मचारी अपनी रिज्वाइनिंग के लिए विधानसभा भी पहुंचे थे लेकिन उन्हें दोबारा ज्वाइनिंग न देकर सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी गई थी। जिस पर आज सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच द्वारा सिंगल बेंच के फैसले को रद्द कर दिया गया तथा बिना किसी नियम कानून के की गई इन भर्तियों को अवैध करार देकर सरकार के फैसले को सही बताया गया।
हाईकोर्ट की डबल बेंच के इस फैसले से अब यह साफ हो गया है कि अवैध तरीके से नौकरी पाने वाले इन लोगों को अब दोबारा नौकरी पर नहीं रखा जाएगा तथा इनकी जगह नियम सम्मत तरीके से नई भर्तियां की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि नौकरी से निलंबित किए गए इन 228 लोगों को बिना किसी विज्ञप्ति के तथा बिना किसी परीक्षा के नौकरी पर रखा गया था और इनकी नियुक्तियां सादे कागज पर किए गए 2—4 लाइन के आवेदन पत्र पर की गई थी।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के फैसले के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने साफ कर दिया था कि गलत के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रही है वह युवाओं को इंसाफ दिला कर रहेगी।
भाजपा के संगठन महामंत्री को हटाए जाने की खबर
देहरादून। बैक डोर भर्तियों के इस मामले में जहां कुछ संघ से जुड़े पदाधिकारियों के बच्चों को नौकरी देने का मामला सामने आया था वही महामंत्री संगठन अजय कुमार का नाम भी चर्चा में रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब उन्हें भी पद से हटा दिए जाने की खबर आई है जबकि संघ द्वारा पहले ही अपने तीन पदाधिकारियों को उत्तराखंड से बाहर भेजा जा चुका है। यही नहीं शहरी विकास मंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को लेकर भी चर्चाएं आम है कि संभावी मंत्रिमंडल विस्तार में उनका भी पत्ता साफ हो सकता है।