केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा , ‘पंजीकृत या अधिसूचित वक्फ में नहीं होगा कोई बदलाव’

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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन वक्फ संशोधन कानून पर चली सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता तुषार मेहता ने कोर्ट को भरोसा देते हुए कहा कि वक्फ या वक्फ बाय यूजर की जो संपत्तियां पहले से रजिस्टर्ड हैं, सरकार उन्हें गैर-अधिसूचित (डि-नोटिफाई) नहीं करेगी। साथ ही इस मामले में जवाब देने के लिए महाधिवक्ता ने सात दिनों का वक्त मांगा जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। वक्फ संशोधन कानून पर अब अगली सुनवाई 5 मई को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून पर फिलहाल रोक नहीं लगाया है।
सुनवाई के दौरान संशोधित प्रावधानों के अनुसार गैर-मुस्लिमों को केंद्रीय वक्फ परिषदों और राज्य वक्फ बोर्डों में नियुक्त नहीं किया जाएगा। वक्फ-दर-उपयोगकर्ता सहित वक्फ, चाहे अधिसूचना या पंजीकरण के माध्यम से घोषित किया गया हो, सुनवाई की अगली तारीख तक डी-नोटिफाई नहीं किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाने का प्रस्ताव रखा, जिनमें अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने की शक्ति और केंद्रीय वक्फ परिषदों और बोर्ड में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना शामिल है।

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