विधायक सुमित के नेतृत्व में पीड़ितों ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
नई दिल्ली/हल्द्वानी। हाई कोर्ट नैनीताल द्वारा हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाए जाने का आदेश दिए जाने के बाद जहां अब एक तरफ प्रभावित स्थानीय लोग इस फैसले के खिलाफ सत्याग्रह कर रहे हैं वहीं इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसे सुनवाई के लिए स्वीकृति के बाद अगली सुनवाई के लिए 5 जनवरी की तारीख तय की गई है और सभी संबंधित पक्षों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा हल्द्वानी में रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने के आदेश 9 नवंबर 2022 को दिए गए थे। जिसके बाद रेलवे ने कोर्ट के आदेशानुसार अतिक्रमणकारियों को 1 सप्ताह में अपना सामान हटाने व जमीन खाली करने के नोटिस दिया गया था। अभी 4 दिन पूर्व जब रेलवे के अधिकारियों द्वारा 78 एकड़ भूमि पर फैले इस अतिक्रमण को चिन्हिकरण करने का काम शुरू किया गया था तो स्थानीय लोग इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए जो अभी भी आंदोलन कर रहे हैं। इस जमीन पर 4365 घर बने हैं जिनमें 40 हजार से अधिक लोग रहते हैं।
रेलवे द्वारा 10 जनवरी से यहां ध्वस्तीकरण का काम शुरू किया जाना है जिसकी पूरी तैयारी रेलवे व स्थानीय प्रशासन द्वारा की जा चुकी है। लेकिन आज यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शराफत अली व 11 अन्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई है जिस पर अगली सुनवाई 5 जनवरी को होगी इस अतिक्रमण को हटाने के विरोध में खड़े स्थानीय विधायक सुमित हृदेश भी याचिकाकर्ताओं के साथ सुप्रीम कोर्ट में मौजूद थे। तथा इस संबंध में उनकी तरफ से जाने—माने अधिवक्ता व कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद इस मामले की पैरवी कर रहे हैं। अब देखना होगा कि 2013 से चले आ रहे इस देश के सबसे बड़े अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला लेता है।