श्रद्धा के सैलाब में व्यवस्थाएं धराशाई

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धामों में अभी भी क्षमता से अधिक पहुंच रहे हैं लोग
श्रद्धालुओं को रोक पाना व संभाल पाना दोनों मुश्किल

रुद्रप्रयाग/चमोली। शासन—प्रशासन भले ही चार धाम यात्रा की व्यवस्थाओं के चाक—चौबंद होने का दावा कर रहा है और सीएम से लेकर डीजी हेल्थ तक अव्यवस्थाओं के कारण एक भी यात्री की मौत न होने की बात कही जा रही हो लेकिन चार धाम यात्रा के शुरुआत से यात्रा व्यवस्था जिस तरह से डांवाडोल दिखाई दी है वह यात्रियों की जान पर भारी पड़ रही है। चार धाम यात्रा के 13 दिनों में 39 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है जबकि दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। फिर भी सरकार की नजर में सब कुछ ऑल इज वेल है।
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ उमड़ रही है कल रविवार शाम तक 1.86 लाख लोग बाबा के दर्शन कर चुके थे जो आंकड़ा अब दो लाख के पार पहुंच गया है। अकेले केदारनाथ धाम में कपाट खुलने 6 मई से लेकर अब तक यानी 10 दिनों में 13 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 30 से अधिक लोग विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल हो चुके हैं। डीजी हेल्थ डॉक्टर श्ौलजा भटृ का कहना है कि श्रद्धालुओं की मौत का कारण हाई ब्लड प्रेशर या हाई शुगर लेवल और अस्थमा जैसी बीमारी है। हेल्थ विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार बिना स्वास्थ्य परीक्षण के लोगों को यात्रा पर न जाने की सलाह दी जा रही है। लेकिन सरकार ने जो हेल्थ चेकअप के इंतजाम किए हैं वह ऊंट के मुंह में जीरा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज फिर कहा है कि यात्रा की व्यवस्थाएं की वजह से एक भी श्रद्धालुं की मौत नहीं हुई है। वही केदारधाम की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी संभालने वाले स्वास्थ्य मंत्री धनसिंह रावत ने भी चार धाम यात्रा के सुचारू चलने और व्यवस्थाओं के चाक—चौबंद होने की बात कही है। सवाल यह है कि जब सरकार द्वारा यात्रियों के धामों में पहुंचने की संख्या तय की जा चुकी है तब कैसे क्षमता से अधिक यात्रियों का धामों में पहुंचना जारी है। श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में प्रशासन फेल साबित हो रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की जो भीड़ उमड़ रही है उसकी जांच किया जाना भी संभव नहीं है। भले ही बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा पर जाने वाले कुछ लोगों को वापस लौटाया जा रहा हो लेकिन सभी धामों में अभी भी तय संख्या से अधिक यात्रियों का पहुंचना जारी है।
खास बात यह है कि यह सब थमने वाला भी नहीं है। 10 जून तक की बुकिंग फुल हो चुकी है इसके बावजूद भी चार धाम यात्रा पर आने वालों की लंबी कतारें लगी हुई है। एसपी श्वेता चौबे ने बद्रीनाथ धाम की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए बताया कि हर रोज धाम में साढ़े तीन सौ से अधिक बड़े वाहन व 1500 से अधिक छोटे वाहन पहुंच रहे हैं। इस आस्था के सैलाब को न रोक पाना संभव है और न संभाल पाना आसान है यही कारण है कि ऋषिकेश से लेकर चमोली, उत्तरकाशी, और रुद्रप्रयाग तक श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखाई दे रही है।

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