सात और शव उत्तरकाशी पहुंचें

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अब तक 11 शवों को परिजनों को सौंपा गया
लापता तीन की तलाश में अभियान जारी
खराब मौसम के कारण शवों को लाने में दिक्कत

उत्तरकाशी। द्रोपदी के डांडा दो की चोटियों पर हिमस्खलन की चपेट में आकर जान गवाने वाले 7 और पर्वतारोहियों के शव आज बेस कैंप से मातली हेलीपैड लाए गए जिनको जिला अस्पताल में कराए गए पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया। इस दुर्घटना में मारे गए 11 लोगों के शव अब तक नीचे लाए जा चुके हैं जबकि तीन के शव बेस कैंप में लाए जा चुके हैं तथा 3 लापता लोगों को छोड़कर बाकी सभी लोगों के शव अभी दुर्घटना स्थल पर ही है जिन्हें आज खराब मौसम के कारण बेस कैंप तक नहीं लाया जा सका है।


आज सुबह जिन सात ट्रेनी पर्वतारोहियों के शव उत्तरकाशी पहुंचे हैं उन सभी की शिनाख्त हो चुकी है। मृतकों में शुभम सागरी नैनीताल, दीपशिखा हजारीका आसाम, सिद्धार्थ खंडूरी देहरादून, टिल्लू जियारा शिलांग मेघालय, राहुल पंवार उत्तरकाशी, नितेश हरियाणा व रवि कुमार निर्मल उत्तर प्रदेश शामिल है। इन सभी के शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
जिलाधिकारी आशीष रोहिला द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मौसम खराब होने के कारण बेस कैंप तक लाए जा चुके तीन अन्य पर्वतारोहियों के शवों को भी जल्द लाने का प्रयास किया जाएगा। अब तक 11 शव उत्तरकाशी पहुंच चुके हैं बीते कल चार शवों को लाया गया था जबकि सात के शव आज लाए गए है, ं 3 शव बेस कैंप में है तथा 12 शव अभी दुर्घटना स्थल पर ही बताए जा रहे हैं। इस दुर्घटना के शिकार 29 लोगों में से 26 के शव बरामद हो चुके हैं जबकि तीन अभी भी लापता है जिनकी तलाश में अभी भी सेना व विशेषज्ञ दल के सदस्य लगे हुए हैं।
जिलाधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार गंगोत्री घाटी में मौसम खराब होने के कारण हैली सेवाओं के संचालन में दिक्कतें आ रही है। क्षेत्र में घने बादल छाए हुए हैं तथा विजिबिलिटी भी कम है जब तक मौसम साफ नहीं होता और हेली सर्विस शुरू नहीं होती शवों को नीचे लाने का काम नहीं किया जा सकता है जबकि लापता लोगों की तलाश में घटनास्थल पर फिजिकल अभियान जारी है।

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