निजता के अधिकार की सुरक्षा जरूरी
सरकार के हलफनामे पर जताया असंतोष
नई दिल्ली। बीते दिनों खबरों की सुर्खियों में रहने वाले पैगासस जासूसी कांड पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्पQ सरकार के हलफनामे को खारिज कर दिया बल्कि इस मामले की जांच के लिए एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन भी कर दिया गया जो आठ हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
देश की सर्वाेच्च अदालत ने आज पैगासस जासूसी कांड मामले में गंभीर टिप्पणी करते हुए सरकार द्वारा पेश किए गए उस हलफनामे को खारिज कर दिया गया जिसमें सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा गया कि हर बात को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। अदालत का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर आम नागरिकों से उनकी निजता का अधिकार नहीं छीना जा सकता है। सरकार ने इस हलफनामे में इस बाबत विस्तृत जानकारी देने से मना कर दिया गया था।
अदालत का कहना है कि निजता के अधिकार की सुरक्षा जरूरी है। अदालत द्वारा इस मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट सेवा निवृत्त जज आर वी रवींद्रन की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर दिया गया है जो 8 हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपेगी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि पैगासस जासूसी कांड को लेकर संसद से सड़कों तक विपक्ष ने इसे उठाया था इसमें पैगासस के जरिए 10 देशों के 50 हजार लोगों के फोन टेप किए जाने का मामला सामने आया था। जिसमें भारत के 300 लोग भी शामिल थे। इसमें राहुल गांधी से लेकर अन्य तमाम नेताओं पत्रकारों आरटीआई एक्टिविस्टों से लेकर तमाम समाज सेवियों व राजनेताओं के नंबर शामिल थे।