नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में तवांग सेक्टर के ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल’ पर चीन के साथ हुई हालिया झड़प पर भारतीय सेना का पहला बयान सामने आया है। चीफ ऑफ स्टाफ इस्टर्न कमांड राणा प्रताप कालिता ने कहा कि प्रदेश के तवांग सेक्टर में हमारी सेना बहुत मजबूती से चीनी सेना का मुकाबला किया। हालांकि कुछ जवानों को मामूली चोटें आई हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कालिता ने कहा कि किसी के भी उकसावे में आने की जरूरत नहीं है, क्योंकि हम विश्वास दिलाते हैं कि हमारा अपने बॉर्डर पर पूर्ण नियंत्रण है और किसी भी झूठी खबर पर ध्यान मत दीजिए। उन्होंने बताया कि बूमला में फ्लैग मीटिंग करके मामले को सुलझा लिया गया है और दोनों ही देशों की सेनाएं अब मामले में आगे नहीं बढ़ रही हैं। अब हालात हमारे नियंत्रण में हैं।
बता दें कि थलसेना और वायुसेना पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के बाद दो सालों से ज्यादा समय से अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम क्षेत्र में एलएसी पर परिचालन तैयारी बनाए हुए है। चीन के साथ तनाव के बीच वायुसेना ने बृहस्पतिवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र में एक बड़ा अभ्यास शुरू किया। इस अभ्यास में राफेल लड़ाकू विमानों को भी शामिल किया गया। बड़े पैमाने पर किये जा रहे इस दो दिवसीय अभ्यास में लगभग सभी अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान और क्षेत्र में तैनात अन्य परिसंपत्तियां शामिल की गई।
बता दें कि 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा की विवादित जगह तवांग सेक्टर के यांग्त्से में भारतीय गश्ती दल और चीनी गश्ती दल पेट्रोलिंग कर रहे थे। इसी दौरान दोनों देशों की सेनाएं सामने आ गईं। झड़प के दौरान दोनों पक्षों के सैनिक घायल हुए। कुछ ही मिनटों के अंदर झड़प बढ़ गई। दोनों सेनाओं ने अतिरिक्त सैन्य सहायता मंगाई। लगभग 250 सैनिक चीनी की तरफ से आए और लगभग 200 सैनिक भारतीय पक्ष की ओर से आ गए। लड़ाई बढ़ी तो दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारी यानी कमांडिंग ऑफिसर मैदान में कूदे। घायलों को वहां से हटाया और माहौल शांत करने की कोशिश की।