1971 का युद्ध दुराचार पर सदाचार की जीत था : राजनाथ सिंह

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नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज शुक्रवार को विजय दिवस के अवसर पर कहा कि 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता और अन्याय पर न्याय की जीत था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस अवसर पर 1971 के भारतीय सशस्त्र बलों को सलाम किया। विजय दिवस 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में मनाया जाता है। बांग्लादेश, जो तब पाकिस्तान का हिस्सा था, युद्ध के बाद एक आजाद देश के रूप में अस्तित्व में आया था।
राजनाथ ने ट्वीट किया, ‘आज विजय दिवस के अवसर पर देश भारत के सशस्त्र बलों के अनुकरणीय साहस, शौर्य और बलिदान को नमन करता है। 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता, दुराचार पर सदाचार और अन्याय पर न्याय की जीत था। भारत को अपने सशस्त्र बलों पर गर्व है।’
विजय दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 1971 के युद्ध के दौरान देश के सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित की गई असाधारण वीरता को देश कृतज्ञता के साथ याद करता है और उनके अद्वितीय साहस एवं बलिदान की कहानियां हर भारतीय को प्रेरित करती हैं। मुर्मू ने ट्वीट किया, ‘विजय दिवस के अवसर पर हम कृतज्ञता के साथ 1971 के युद्ध के दौरान हमारे सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित असाधारण वीरता को याद करते हैं।’ राष्ट्र के लिए उनके बलिदान और अद्वितीय साहस की कहानियां आज भी हर भारतीय को प्रेरित करती हैं।’ 16 दिसंबर 1971 को करीब 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी के संयुक्त बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था, जिससे बांग्लादेश के गठन का मार्ग प्रशस्त हुआ था।

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