सभी 18 यात्रियों को रूद्रप्रयाग पुलिस ने वापस लौटाया
देहरादून। उत्तराखंड में शनिवार से शुरू हुई चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। चारों धामों के साथ ही हेमकुंड साहिब और लोकपाल के दर्शनोें के लिए भी भक्तों की भारी भीड़ पहुंच रही है। हालांकि धामों में सीमित संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गई है और स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा कोर्ट के निर्देशानुसार ही ईपास जारी किए जा रहे हैं लेकिन फिर भी कुछ लोग नकली ई—पास के जरिए धामों में जाने की कोशिश भी कर रहे हैं। ऐसे ही नकली ई—पास के साथ आए 18 तीर्थयात्रियों को पुलिस ने वापस लौटा दिया है।
विदित हो कि चार धामों के कपाट खुलने के बाद से यात्रा पर कोविड—19 के चलते प्रतिबंध लगा हुआ था। हाईकोर्ट नैनीताल द्वारा 19 दिसंबर से यात्रा शुरू करने की अनुमति दी थी। हालांकि यात्रा के लिए कुछ प्रतिबंध भी यात्रा के लिए लागू किए गए हैं। यात्रा शुरू होने के साथ ही प्रशासन द्वारा भी ई—पास जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।
20 और 21 सितंबर तक के लिए कुल 17403 ई पास जारी किए गये थे। देवस्थानम बोर्ड की ओर से जारी ई—पास से श्रद्धालु चारों धामों में दर्शन कर रहे हैं। इसके बावजूद कुछ ऐसे भी लोग हैं जो नकली ई—पास बनवा कर यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस ने ऐसे 18 लोगों को पकड़ा है जो नकली पास के साथ चारधाम यात्रा करने की कोशिश कर रहे थे। इन 18 तीर्थयात्रियों को पुलिस ने वापस लौटा दिया है।
पुलिस के अनुसार नकली ई—पास लेकर यात्रा करने की कोशिश करने वाले 18 लोगों को सोमवार को रुद्रप्रयाग जिले के सोनप्रयाग में एक चेक पोस्ट पर पकड़ा गया। सोनप्रयाग केदारनाथ से लगभग 24 किलोमीटर दूर है। प्रबंधन ने अभी तक लगभग 42 हजार लोगों को ई—पास जारी किए हैं।
रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा कि चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त लोगों की सूची में यात्रियों के नाम नहीं मिलने के बाद 18 लोगों के ई—पास फर्जी पाए गए थे। जिसके बाद उन्हे चेक पोस्ट से ही वापस लौटा दिया गया है। वहीं तीर्थयात्रियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने एरिया के पास के एक साइबर कैफे से ई—पास लिए थे। यात्रियों ने दावा किया है कि उन्हें नहीं पता था कि ई—पास नकली हैं।