लखनऊ । उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें 1 अक्टूबर को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। मुलायम सिंह के निधन के बाद समाजवादी परिवार शोक की लहर में डूब गया। गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल में एक डॉक्टरों का पैनल मुलायम सिंह यादव का इलाज कर रहा था। उन्हें 22 अगस्त को मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया था। मुलायम सिंह यादव ने सोमवार सुबह 8।16 बजे आखिरी सांस ली। उनकी तबीयत बिगड़ने की सूचना पर बेटे अखिलेश यादव, भाई शिवपाल यादव और बहू अपर्णा यादव दिल्ली के लिए रवाना हो गए थे। बता दें कि तीन महीने पहले उनकी पत्नी साधना गुप्ता का भी निधन हो गया था। मुलायम सिंह यादव के निधन की जानकारी देते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा ‘मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे।’ 55 साल से अधिक समय तक राजनीति में सक्रिय रहे मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई में हुआ था। उन्होंने राजनीति शास्त्र में एमए की पढ़ाई की थी। वह 1967 में पहली बार यूपी के जसवंत नगर से विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे और फिर उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह आठ बार विधायक निर्वाचित हुए तो वहीं सात बार निर्वाचित होकर लोकसभा सांसद बने। 1996 में उन्हें यूनाइटेड फ्रंट गठबंधन की सरकार में रक्षा मंत्री बनने का भी अवसर मिला। मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक करियर बेहद शानदार रहा है। 1977 में वह पहली बार जनता पार्टी से यूपी के मंत्री बने थे जबकि 1989 में वह पहली बार यूपी के सीएम बने। इसके बाद 1993 और फिर 2003 दूसरी और तीसरी बार सीएम पद पर काबिज हुए। मुलायम सिंह ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की थी और 1993 में बसपा के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। बेटे अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद वह इसके संरक्षक की जिम्मेदारी निभा रहे थे। मुलायम सिंह यादव फिलहाल लोकसभा में मैनपुरी सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।