मोदी से पहले चन्नी व सिद्धू पहुंचे केदार बाबा के द्वार

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आस्था पर हावी चुनावी राजनीति

देहरादून। पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व एक बार फिर आस्था पर चुनावी राजनीति का रंग चढ़ने लगा है। नेताओं के मंदिरों और धामों में हाजिरी लगाने का सिलसिला शुरू हो चुका है। अभी बीते दिनों पूर्व सीएम हरीश रावत केदार बाबा के धाम गए थे अब 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारधाम आने वाले हैं उनके इस कार्यक्रम को मेगा स्टार बनाने की तैयारियां की जा रही है तथा देश के सभी 12 ज्योतिर्लिंग से जोड़ा जा रहा है तथा इसका सीधा टेलीकास्ट करने का कार्यक्रम है। इसी क्रम में कांग्रेस नेता भी संतुलन साधने के प्रयासों में जुटे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरण सिंह चन्नी व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के साथ आज अन्य नेता बाबा केदार के द्वार पर पूजा अर्चना करने पहुंचे और उनका आशीर्वाद लिया।
इससे पूर्व आज इन नेताओं ने पूर्व सीएम हरीश रावत ने देहरादून में उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद हरीश रावत ने कहा कि बाबा के धाम जाकर कोई भी उनसे अपने जीवन के कल्याण की कामना कर सकता है। भले ही यह कहा जाए लेकिन चुनावी दौर में इन धार्मिक आस्थाओं के अर्थ किसी से भी छिपे नहीं है। भाजपा अपने जिस हिंदुत्व के एजेंडे पर आगे बढ़ रही है उसके मद्देनजर अब कांग्रेस ने भी साफ्ट हिंदुत्व की राह पर आगे पैर बढ़ा दिए हैं।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि अब पंजाब में सब कुछ ठीक है। अमरिंदर सिंह के कांग्रेस छोड़ने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह मेरे अच्छे दोस्त हैं यह उनकी एक ऐतिहासिक भूल है अगर अभी संभव है तो उन्हें देश हित में कांग्रेस में लौट आना चाहिए।
बीते कल तीर्थ पुरोहितों द्वारा भाजपा नेताओं के विरोध को उन्होंने जन आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए और देवस्थानम बोर्ड को समाप्त करना चाहिए उनका कहना है कि अगर वह नहीं करेंगे तो हम इसे समाप्त करेंगे।

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