राज्य के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल

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अधिकारियों ने परखी, स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति

राज्य के सभी मेडिकल कालेजों व अस्पतालों में मॉक ड्रिल
किसी भी आपात स्थिति से निपटने को राज्य तैयार

देहरादून। कोविड—19 के नए वैरीयंट वी एफ 7 के संभावित खतरे के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देश के अनुसार आज विभागीय अधिकारियों द्वारा राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो तक तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल किया गया। तथा जहां खामियांा पायी गयी वहां उन्हें तत्काल प्रभाव से दूर करने के दिशा निर्देश भी दिए गए।
स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने खुद कोरोनेशन अस्पताल जाकर तमाम व्यवस्थाओं को जांचा परखा। उन्होंने बताया कि अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट ठीक से काम कर रहा है तथा अस्पताल में ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन और वेंटीलेटर बेड भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि टेस्टिंग और बूस्टर डोज की व्यवस्था को भी दुरुस्त किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य को 8 लाख बूस्टर डोज की जरूरत है जिसके लिए केंद्र सरकार को लिखा गया है। उन्होंने कहा कि एक—दो दिन में हरियाणा से 50 हजार डोज राज्य को मिलने वाली है जिनके पहुंचते ही बूस्टर डोज दिए जाने के काम में तेजी आएगी। उल्लेखनीय है कि राज्य में अभी सिर्फ 23 फीसदी लोगों को ही बूस्टर डोज दी गई है तथा 60 फीसदी लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत है। उधर दून मेडिकल कॉलेज में भी स्वास्थ्य महानिदेशक और सीएमओ ने स्वास्थ्य सेवाओं को बारीकी से परखा। दून अस्पताल में 1000 बेड की क्षमता है तथा तीन ऑक्सीजन प्लांट है जो सुचारू रूप से काम कर रहे हैं। स्वास्थ्य निदेशक द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर राज्य के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर जिनकी कुल संख्या 2, 240 28 बताई गई है। तथा 86 ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट है। एवं 12 पैथोलॉजी लैब है जिनमें प्रतिदिन 15 हजार लोगों के सैंपल जांच की क्षमता है। राज्य के सभी अस्पतालों में 1032 वेंटिलेटर बेड की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने बताया है कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं दूसरी लहर की अपेक्षा कहीं अधिक बेहतर है उन्होंने कहा कि हम किसी भी आपात स्थिति का मुकाबला करने को तैयार हैं।
उधर आज ऋषिकेश एम्स और सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी में भी मॉक ड्रिल किया गया तथा उत्तरकाशी के जिला अस्पताल जाकर खुद जिला अधिकारी की मौजूदगी में स्वास्थ्य सेवाओं की जांच की गई तथा टेस्टिंग बढ़ाने को कहा गया। उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एक फार्म भेजा गया जिसमें उपलब्ध सेवाओं का ब्यौरा मांगा गया है तथा अपनी रिक्वायरमेंट के बारे में भी पूछा गया है।

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