मैंने कब कहा भाजपा में जा रहा हूं? : किशोर

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दिल्ली/देहरादून। जैसे—जैसे विधानसभा चुनाव का समय नजदीक आ रहा है नेताओं के पाला बदलने का खेल भी जोर पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस विधायक राजकुमार और कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार के भाजपा ज्वाइन करने के बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भी भाजपा में जाने की अटकलों से कांग्रेसी खेमे में हड़कंप मचा हुआ है।
किशोर उपाध्याय द्वारा अभी दो दिन पूर्व कांग्रेस में अपनी उपेक्षा की बात सार्वजनिक किए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। उनके दिल्ली प्रवास के दौरान भी पत्रकारों द्वारा जब किशोर उपाध्याय से इस बाबत सवाल पूछे गए तो उन्होंने उनका कोई सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि मैं अभी कह रहा हूं की कांग्रेस में 17 बार मेरी उपेक्षा हुई है उनका कहना है कि मैंने ऐसा तो कभी नहीं कहा कि मैं कांग्रेस छोड़कर जा रहा हूं या भाजपा में जा रहा हूं। उनका कहना था कि अभी उनका पूरा ध्यान अपनी विधानसभा सीट पर है।
उपाध्याय से भाजपा के कुछ नेताओं से मिलने की बात कही गई तो उन्होंने कहा कि अभी तो वह अपनी नेता सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली आए हुए हैं। उनका कहना था कि अटकलें लगाने वाले ही उनके सवालों का जवाब दे सकते हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी की बात को स्वीकार जरूर किया लेकिन कांग्रेस छोड़ने या फिर भाजपा में जाने के सवाल पर कोई स्पष्ट बात नहीं की गई।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के कुछ नेताओं द्वारा लगातार इस तरह की खबरें उछाली जा रही हैं कि कांग्रेस के कुछ और विधायक व नेता भाजपा के संपर्क में हैं। वहीं कांग्रेस भाजपा के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं के अपने संपर्क में होने का दावा कर रही है। कांग्रेसी खेमे में हो रही सेंधमारी को लेकर कांग्रेस हाईकमान भी चिंतित है। प्रदेश अध्यक्ष व नेता विपक्ष का दिल्ली दौरा भी इन्हीं चिंताओं से जुड़ा है भले ही वह इससे इंकार कर रहे हो।


किशोर अकेले नहीं ऐसे और बहुत से नेता हैंः धन सिंह
देहरादून। उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि कांग्रेस में अकेले किशोर उपाध्याय ही ऐसे नेता नहीं है जो अपनी उपेक्षा से परेशान हैं। फर्क पर इतना सा है कि उपाध्याय खुलकर यह कह रहे हैं कि कंाग्रेस ने 17 बार मेरी उपेक्षा की बाकी कह नहीं सकते।
उनका कहना है कि कांग्रेस में डिक्टेटर शिप चलती है यहां लोकतंत्र नहीं है। जबकि भाजपा में पार्टी का संविधान और विधान है और उसका अपना अनुशासन है। उनका कहना है कि काग्रेस के जो अच्छे नेता है भाजपा में उनका स्वागत है।

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