केजरीवाल के रोजगार के दावे झूठेः दसौनी

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देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की गढ़वाल मण्डल की मीडिया प्रभारी गरिमा महरा दसौनी ने केजरीवाल के हल्द्वानी दौरे के दौरान उत्तराखण्ड के युवाओं से रोजगार के सम्बन्ध में किये गये वादे को छलावा और राजनीति से प्रेरित बताया।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए दसौनी ने बताया कि अरविंद केजरीवाल पिछले सात सालों से दिल्ली की सत्ता संभाल रहे हैं लेकिन फिर भी दिल्ली उच्च बेरोजगारी से जूझ रही है। दसौनी ने कहा कि मई 2021 में, दिल्ली में बेरोजगारी दर 45.6 प्रतिशत तक पहुंच गई, जो देश में सबसे अधिक है। तकनीकी रूप से मई में हर दूसरा नौकरी तलाशने वाला व्यक्ति बेरोजगार था। दसौनी ने कहा कि इसे विडंबना ही कहा जा सकता है कि राजधानी में युवा बेरोजगारी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।
दसौनी ने पत्रकारों के समक्ष आंकडे रखते हुए कहा कि जनवरी—अप्रैल 2021 की अवधि में, 15—19 आयु वर्ग के लिए बेरोजगारी दर 50 प्रतिषत थी, 20—24 आयु वर्ग के लिए 49 प्रतिषत थी, और 25—29 आयु वर्ग के लिए 24/54 प्रतिषत थी। बेरोजगारी के मामले में दिल्ली में महिलाओं की स्थिति और भी बदतर है जो कि 67.7 प्रतिषत (आयु वर्ग 20— 24) आंकी गयी है।
दसौनी ने कहा कि आम आदमी पार्टी झूठे वादे करने में माहिर है। 2015 में, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में लोगों के लिए 8 लाख नौकरियों का वादा किया था। यह वादा पूरा नहीं हुआ व दिल्ली में उच्च बेरोजगारी साबित करती है कि कैसे आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के युवाओं के साथ छलावा किया है।
कहा कि दिल्ली एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंज ने दिल्ली कांग्रेस के आरटीआई सेल के द्वारा रोजगार के सम्बन्ध में दायर सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 2016 में 102 लोगों को नौकरी दी गई थी, 2017 में 66 लोग और अप्रैल 2018 तक 46 लोगो को ही रोजगार मुहैया कराया गया। दसौनी ने बताया कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों में रिक्त शिक्षक पदों तक को नहीं भरा है। पिछले साल सितंबर में दिल्ली में करीब 11 फीसदी शिक्षक पद खाली थे।

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